लाइफ स्टाइल
बेहद सावधानी से चुनें रात में लगाने के लिए क्रीम, चमकेगी स्किन
नई दिल्ली। रात का समय त्वचा को आराम, सुकून देने और इसे ‘रिजूविनेट’ करने का समय होता है, इसलिए चेहरे को गहराई से साफ करने के बाद रात में बढिय़ा परिणाम के लिए लगाई जाने वाली मॉइश्चराइजर लगाएं। आप हालांकि इस उलझन में पड़ सकती हैं कि कौन सा मॉइश्चराइजर आपकी त्वचा के लिए बढिय़ा साबित होगा।
स्किनकेयर ब्रांड एपिक्यू की संह-संस्थापक दिव्या मेहता ने बढिय़ा नाइट क्रीम चुनने के संबध में ये सुझाव दिए हैं :
– आप किसी भी सनस्क्रीन इंडीग्रिएंट्स से रहित क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं। आपको खास तौर से नाइट क्रीम खरीदने की जरूरत नहीं है, क्योंकि फर्क बस इतना है कि नाइट क्रीम हानिकारक यूवी किरणों से सुरक्षा प्रदान करने वाला एसपीएफ से युक्त नहीं होता है, इसलिए आप बेहिचक बढिय़ा इंडीग्रेडिएंट्स से समृद्ध अपनी त्वचा के लिए उपयुक्त क्रीम चुनें।
– बोसवेलिया सेराटा (शल्लकी), कॉफी बीन के सत्व से युक्त, ब्राह्मी, कालमेघ, यष्टिमधु, पत्थरचूर, हार्स चेस्टनट जैसे औषधीय पौधों के सत्व और तेलों व विटामिन ई, सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर नाइट क्रीम लगाएं। अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो उच्च मात्रा वाले औषधीय गुणों से युक्त क्रीम लगाएं।
– क्रीम ऐसी होनी चाहिए जो त्वचा में गहराई से समा जाए। ऐसी क्रीम न लगाएं जो त्वचा पर तैलीय रूप में साफ नजर आए और सही से अवशोषित न हो सके।
– त्वचा के प्रकार जैसे तैलीय, रूखी या सामान्य के अनुसार ही क्रीम चुनें। त्वचा को सूट करने वाली बढय़िा मॉइश्चराइजर लगाएं।
– सिंथेटकि खूशबू या रंगों वाली क्रीम न लगाएं क्योंकि इससे आपकी त्वचा में खुजली और जलन हो सकती है। अच्छी नाइट क्रीम में पैराबेंस आदि केमिकल नहीं होना चाहिए। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो अल्कोहल युक्त क्रीम न लगाएं, क्योंकि इससे एक्जीमा, रूखापन जैसी समस्या हो सकती है।
– नाइट क्रीम त्वचा को पोषण देने और त्वचा की कोशिकाओं को रिपेयर करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं, इसलिए इसे सनस्क्रीन और एसपीएफ रहित होना चाहिए।
लाइफ स्टाइल
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।
तला हुआ खाना
कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।
चीनी युक्त सोडा या फिर केक
चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
लाल मांस
रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।
सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता
सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
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