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मनोरंजन

‘बेजुबां इश्क’ गाना प्रेम की भाषा : अर्पिता

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‘लॉरी ऑफ डेथ’ और ‘रस के भरे नैना’ जैसे गीत गाने वाली पाश्र्वगायिका अर्पिता चक्रवर्ती इस बात से खुश हैं कि आने वाली फिल्म ‘बेजुबां इश्क’ में उनके गाए शीर्षक गीत को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म में मुग्धा गोडसे, स्नेहा उलाल और निशांत मल्कानी ने मुख्य भूमिका निभाई है।

अर्पिता और जावेद अली के गाए रोमांटिक गाने को श्रोताओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

अर्पिता ने एक बयान में कहा, “संगीत मानवजाति की सार्वभौमिक भाषा है। यह गीत ‘बेजुबां इश्क’ मेरे दिल के बेहद करीब है और एहसास और संदेश से सजी हुई प्रेम की भाषा है।”

उन्होंने कहा, “गाने को मिल रही प्रतिक्रिया ने मुझे भावविभोर कर दिया है। बॉलीवुड ‘सत्याग्रह’ और ‘रागिनी एमएमएस 2’ के गानों के बाद मेरा तीसरा गीत है।”

निर्देशक जसवंत गंगानी की ‘बेजुबां इश्क’ तीन जुलाई को प्रदर्शित हो रही है।

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मनोरंजन

नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट

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मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।

इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’

उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’

 

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