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प्रादेशिक

बाढ़ राहत पैकेज पर बिहार के केंद्रीय मंत्रियों को चेतावनी

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बाढ़ राहत पैकेज, केंद्रीय मंत्रियों को चेतावनी, जनता दल (युनाइटेड), बिहार के प्रति मोदी सरकार की उदासीनता

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बाढ़ राहत पैकेज, केंद्रीय मंत्रियों को चेतावनी, जनता दल (युनाइटेड), बिहार के प्रति मोदी सरकार की उदासीनता

पटना| बाढ़ संकट से जूझ रहे बिहार के प्रति मोदी सरकार की उदासीनता से क्षुब्ध राज्य की सत्ताधरी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) ने मंगलवार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केन्द्र सरकार में प्रदेश के सात मंत्रियों ने केंद्र से जल्द बाढ़ राहत पैकेज नहीं दिलवाया तो उन्हें बिहार में घुसने नहीं दिया जाएगा। जद (यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बिहार में आई बाढ़ के लिए अब तक राहत पैकेज की घोषणा नहीं करना केन्द्र की दोहरी नीतियों का परिचायक है।

उन्होंने कहा कि अगर बिहार के लिए बाढ़ राहत पैकेज की घोषणा तुरंत नहीं की गई तो पार्टी आंदोलन करेगी और कार्यकर्ता दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री आवास का घेराव करेंगे। जद (यू) के नेता ने कहा, “केन्द्र सरकार के मंत्री आजकल रोज बिहार का दौरा कर रहे हैं और राहत शिविर में जाकर बाढ़ पीड़ितों के साथ खाना खा रहे हैं और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डालकर दिखावा कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर इन मंत्रियों ने बिहार को जल्द बाढ़ राहत पैकेज नहीं दिलवाया तो उन्हें बिहार में घुसने नहीं दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि कश्मीर में आई बाढ़ के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने राहत पैकेज की घोषणा कर दी थी, लेकिन बिहार की उन्हें सुध नहीं है। वे इस राज्य के साथ भेदभाव कर रहे हैं।

उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष संजय मयूख ने जद (यू) के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बाढ़ पर सियासत करने की बजाय बिहार सरकार को बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा, “केन्द्रीय मंत्रियों को बिहार आने के लिए बिहार सरकार से पासपोर्ट और वीजा लेने की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी नेता बिहार के लोगों की सेवा करने को प्रतिबद्ध हैं।”

नेशनल

पुणे पोर्श कार केस : आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे के बदले अपना ब्लड सैंपल देने का है आरोप

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पुणे। पुणे पोर्श कार केस में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। नाबालिग आरोपी की मां पर अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां ने अपने ब्लज सैंपल से बदल दिया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि घटना के वक्त वह नशे में नहीं था। साथ ही कुछ दिन पहले ही आरोपी की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था। जहां उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया था कि वो उसके बेटे की रक्षा करे। आरोपी की मां ने वीडियो में कहा था कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वो उसके बेटे का नहीं है बल्कि किसी और का है।

बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। मामले के 17 वर्षीय आरोपी को एक सुधार गृह में भेज दिया गया, जबकि उसके पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ए ए पांडे की अदालत ने दो डॉक्टरों, डॉ. श्रीहरि हरनोर और डॉ. अजय तवारे के साथ-साथ अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को किशोर के ब्लड सैंपल में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उसे नमूने बदलने के लिए कहा था, साथ ही पुलिस यह जांच करना चाहती थी कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।

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