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बाजार में मौजूद 50 करोड़ के नकली सिक्के, गैंग का भंडाफोड़

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली सिक्के बनाने वाले के गिरोह के सरगना उपकार लूथरा उर्फ अभय प्रताप (50) को हरियाणा के कोंडली इलाके से गिरफ्तार किया है। उसके पास से 8,500 कीमत के 5 रुपये के नकली सिक्के बरामद हुए हैं। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने 1998 से अब तक करीब 50 करोड़ रुपए के नकली सिक्के भारत की अर्थव्यवस्था में उड़ेल दिए हैं। अभय प्रताप अपने भाई के साथ मिलकर देश में नकली सिक्कों का सबसे बड़ा गिरोह चला रहा था। इससे पहले भी इस गिरोह के कई ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है, जिसमें लाखों के 5 और 10 रूपए के सिक्के बरामद किए गए थे।

नकली करेंसी के धंधे में उपकार और स्वीकार लूथरा कुख्यात नाम हैं। इन दोनों भाइयों को कई बार अरेस्ट किया गया लेकिन, हर बार सलाखों से बाहर निकलने के बाद अपने सिंडिकेट को चलाना शुरू कर देते हैं। यह गैंग लगभग पूरे उत्तर भारत में ऐक्टिव है। बीते कुछ सालों में दोनों भाइयों ने मिलकर 50 करोड़ रुपये तक के सिक्कों को ढालने का काम किया और उन्हें मार्केट में सर्क्युलेट करने का भी काम किया।

पूछताछ में दसवीं पास उपकार ने बताया कि वर्ष 1990 में उसने उत्तम नगर इलाके में ज्वैलरी की दुकान में काम किया था। चार महीने में काम छो?कर कप?े की दुकान शुरू की, लेकिन काम ठीक नहीं चला। 1997 में उसकी मुलाकात देहरादून निवासी गुलशन गंभीर से हुई और उसके जरिये उसने नकली सिक्के बनाने का गोरखधंधा शुरू किया।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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