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बजट सत्र के विस्तार पर लोकसभा में हंगामा

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नई दिल्ली,संसद,लोकसभा,कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे,लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन

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नई दिल्ली | संसद के मौजूदा बजट सत्र के दूसरे चरण की अवधि 13 मई तक बढ़ाने के मुद्दे पर लोकसभा में शुक्रवार को काफी हंगामा हुआ। इस कारण प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। सदन की बैठक शुरू होते ही लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने सदन को विश्वास में लिए बिना सत्र की अवधि 13 मई तक बढ़ा दी। खड़गे ने इसके बाद प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने खड़गे का अनुरोध अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इससे सदन की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 11.30 बजे तक और फिर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सरकार ने गुरुवार को बजट सत्र के दूसरे चरण की अवधि 13 मई तक बढ़ाने का फैसला किया था। इससे पहले सत्र का दूसरा चरण आठ मई को समाप्त होने वाला था।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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