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बंगाल : भाजपा नेता ने भड़काऊ भाषण के लिए माफी मांगी

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कोलकाता| पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष दूध कुमार ने एक भाषण के दौरान तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ काट लेने की धमकी दी थी। उन्होंने शुक्रवार को अपने भड़काऊ भाषण के लिए माफी मांग ली। दूध कुमार को अपनी गलती का अहसास तब हुआ, जब तृणमूल कांग्रेस ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी और भाजपा ने भी अपने नेता को कारण बताओ नोटिस भेज दिया। पार्टी में अलग-थलग पड़ने के बाद मंडल ने अपनी आपत्तिनजक बात वापस लेते हुए माफी मांग ली। पार्टी के नोटिस पर शुक्रवार को माफी मांगते हुए दूध कुमार ने कहा कि उन्होंने भावनाओं में बहकर यह बयान दे दिया था।

उन्होंने कहा, “मेरा इरादा कसी भी तरह की हिंसा भड़काना नहीं था। तृणमूल के बदमाशों द्वारा हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले की बात सुनकर शायद मैंने गुस्से में यह बयान दे दिया। मुझे माफी कर दिया जाए।” बीरभूम जिले के रामपुरहाट में गुरुवार को पार्टी की एक बैठक के दौरान दूध कुमार ने आपत्तिजनक भाषण दिया था, जिसके बाद सत्तारूढ़ तृणमूल ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

दूध कुमार ने कथित तौर पर कहा, “बड़ी संख्या में लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं और पार्टी की बैठकों व जनसभाओं में हिस्सा ले रहे हैं। इससे तृणमूल के गुंडों को गुस्सा आ रहा है और वे घर-घर जाकर हमारे लोगों को धमका रहे हैं। मैं उन्हें चेतावनी देता हूं। मैं हिंसा नहीं चाहता, लेकिन अगर वे बाज नहीं आए, तो मैं उनके हाथ काट दूंगा।”
तृणमूल नेता तथा रामपुरहाट नगरपालिका अध्यक्ष अश्विनी तिवारी ने शुक्रवार को दूध कुमार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उल्लेखनीय है कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने विजय अभियान को अब बंगाल की ओर मोड़ दिया है। पार्टी को जम्मू एवं कश्मीर में वांछित सफलता नहीं मिल पाई है, अब बंगाल और बिहार इसके निशाने पर है। इन राज्यों में भाजपा अपनी जड़ जमाने में जुटी है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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