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फ्रांस: इमानुएल मैक्रों चुने गए फ्रांस के नए प्रेसीडेंट, तोड़ा 59 साल का रिकॉर्ड
पेरिस। फ्रांस प्रेसीडेंट इलेक्शन में उदार मध्यमार्गी उम्मीदवार इमानुएल मैक्रों ने जीत दर्ज कर ली है। केवल 39 साल के मैक्रों फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे। फ्रांसीसी गणतंत्र में 1958 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि चुना गया राष्ट्रपति फ्रांस के दो प्रमुख राजनीतिक दलों, सोशलिस्ट और रिपब्लिकन पार्टी से नहीं हैं।
देश में रविवार को हुए अंतिम दौर के चुनाव में मैक्रों ने धुर दक्षिपंथी उम्मीदवार मरीन ले पेन को हराकर जीत हासिल की है। मैक्रों को 2.07 करोड़ वोट मिले हैं जबकि ले पेन को 1.06 करोड़ वोट मिलें।
बीबीसी ने फ्रांस के गृह मंत्रालय के हवाले से बताया कि मैक्रों को कुल 66.06 फीसदी वोट मिले जबकि ले पेन 33.94 फीसदी वोट मिले। अंतिम दौर के चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत लगभग 74 फीसदी रहा जो देश के लगभग 50 वर्षो का सबसे निम्नतम है।
फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक, नतीजों के ऐलान के बाद मैक्रों जश्न मनाने सडक़ों पर उतर आए वहीं मरीन ले पेन ने भी उन्हें बधाई दी।
मैक्रों ने जीत पर अपने समर्थकों का आभार जताते हुए कहा, “आइएं फ्रांस को प्यार करें। मैं इसी शाम से लेकर और आगामी पांच वर्षो तक नम्रता, समर्पण और दृढ़ता से देश की सेवा करने जा रहा हूं।”
इससे पहले पेरिस के समयानुसार रात आठ बजे मतदान समाप्त होने के बाद मैक्रों ने अपनी विरोधी एवं नेशनल फ्रंट (एफएन) प्रमुख मरीन ले पेन के मुकाबले 65 फीसदी से अधिक वोट हासिल कर लिए थे।
उन्होंने कहा, “यह बहुत ही सम्मान और जिम्मेदारी का काम है। मैं आपका तहे दिल से आभार व्यक्त करना चाहता हूं।”
मैक्रों ने कहा, “मैं यूरोप और देश के नागरिकों के बीच संबंधों में नई जान फूंकने के लिए काम करूंगा। मेरा कर्तव्य लोगों के दिल से भय को दूर करना है। मैं देश को अलग करने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ूंगा।”
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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