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मुख्य समाचार

फिर भी ई-टिकट महंगा रहेगा खिडक़ी टिकट से!

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railticketभोपाल। केंद्र सरकार द्वारा आम बजट के जरिए ई-रेल टिकट पर लगने वाले सेवा कर (सर्विस टैक्स) को खत्म किए जाने के बावजूद ई-टिकट अब भी खिडक़ी से मिलने वाले टिकट से न केवल महंगा रहेगा, बल्कि कई दीगर सुविधाएं भी यात्री को नहीं मिल पाएंगी, जो खिडक़ी से टिकट खरीदने पर मिलती है।

ज्ञात हो कि आठ नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार ने ‘डिजिटल लेनदेन’ को बढ़ावा देने के मकसद से ऑनलाइन रेल टिकट लेने पर लगने वाले सर्विस टैक्स पर 22 नवंबर से 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी। आईआरसीटीसी के जरिए स्लीपर टिकट बुक कराने पर 20 रुपये और वातानुकूलित श्रेणी में 40 रुपये सर्विस टैक्स देना पड़ता था।

केंद्र वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा बुधवार को पेश किए गए आम बजट में किए गए प्रावधानों के जरिए ऑनलाइन टिकट कराने पर लगने वाले सर्विस टैक्स को खत्म कर दिया गया है। इस फैसले को रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत करार दिया जा रहा है।

यहां बताना लाजिमी होगा कि खिडक़ी और ऑनलाइन रेल टिकट कराने पर सिर्फ सर्विस टैक्स का ही फर्क नहीं होता, बल्कि कई बैंकों को टॉजेक्शन चार्ज 10 रुपये भी देना होता है। वहीं खिडक़ी से टिकट कराने पर मिलने वाली सुविधाएं भी ऑनलाइन टिकट में नहीं मिलती हैं।

सूचना के अधिकार के कार्यकर्ता मध्यप्रदेश के नीमच जिले के निवासी चंद्रशेखर गौर ने खिडक़ी और ऑनलाइन टिकट की सुविधाओं में अंतर को लेकर पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय पब्लिक ग्रीवंस के जरिए प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया था।

उन्होंने अपने आवेदन में लिखा था कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए दो गाडिय़ों के ऑनलाइन टिकट बनवाने पर दो बार आरक्षण शुल्क लगता है और टेलीस्कोपिक यात्रा का रियायती लाभ भी नहीं मिलता। वहीं खिडक़ी से टिकट लेने पर ऑनवार्ड (आगे की यात्रा) का प्रावधान है, इसमें दो टिकट कराने पर एक बार ही आरक्षण शुल्क देना पड़ता है, वहीं टेलीस्कोपिक यात्रा का रियायती लाभ भी मिलता है।

केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को संसद में पेश किए गए बजट में सर्विस टैक्स खत्म किए जाने का गौर ने स्वागत किया है, मगर सवाल उठाया है कि खिडक़ी से टिकट कराने पर ऑनवार्ड और टेलीस्कोपिक यात्रा का रियायती लाभ मिलता है। यह लाभ ऑनलाइन टिकट पर अब नहीं मिल पाएगा। इसके चलते सरकार की ‘डिजिटल लेनदेन’ की इच्छा पूरी हो पाएगी, इसमें संदेह है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया दुःख, दार्जिलिंग रवाना

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुःख जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है, NFR जोन में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

बता दें कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ट्रेन के लोको पायलट भी शामिल हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे का कहना है कि लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं और उन्हें पास के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। हम बचाव अभियान को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कंचनजंगा को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी है। हमें 8 लोगों की मौत की जानकारी मिली है।

पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी इसके कारण के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी लेकिन आधुनिक समय में इसकी जांच और गहन सुधार की आवश्यकता है। मैं अनुमान लगा रहा हूं कि संभवतः यह इंजन ‘कवच’ (एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली) नहीं थी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार सुधारात्मक कार्रवाई करेगी।

 

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