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हेल्थ

प्रीमास, इनेसलडीएक्स ने वितरण करार पर हस्ताक्षर किए

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नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| प्रीमास लाइफ साइंसेस प्राइवेट लिमिटेड और इनेसलडीएक्स इंक ने सोमवार को एक विशेष वितरण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का फायदा कैंसर रोगियों को मिलने वाला है। दोनों कंपनियों की इस वाणिज्यिक साझेदारी से सेल मल्टीप्लेक्स डायग्नॉस्टिक्स द्वारा ठोस ट्यूमर कार्सिनोमा के लिए सेल को शक्ति मिलेगी। इससे अब फ्लो साइटमैट्री द्वारा आण्विक और प्रोटीन बायोमार्कर के लिए विश्लेषण किया जा सकेगा।

इस सौदे में ट्यूमर कोशिकाओं (सेल) और प्रतिरक्षा सेल उपप्रकारों पर पीडी-एल 1 की मात्रा निर्धारित करने के लिए इनसेलडीएक्सके पेटेंट वाले एकल-सेल, ग्रीवा (सर्विकल) नमूनों में एचपीवी ई 6/ई7 एमआरएनए पता लगाने के लिए पेटेंट एकल-कोशिका परख और ट्यूमर सहित ठोस ऊतकों के लिए इसकी इनसेल/प्रेप एकल-सेल तैयारी किट का वितरण शामिल है।

अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में शोधकर्ताओं ने इनसेलडीएक्स की अगली पीढ़ी (3डीएक्स) के अनुसंधानात्मक आणविक जांच पर सफल अध्ययन किया है।

इस सफल अध्ययन के बाद ही दोनों कंपनियों ने इस समझौते को आगे बढ़ाया है। माना जा रहा है कि यह शोध अलग-अलग तरह के कैंसर रोगियों के इलाज में मददगार होगा।

प्रीमास लाइफ साइंसेज के प्रबंध निदेशक प्रवीण गुप्ता ने बताया कि भारत के आण्विक डायग्नोस्टिक्स बाजार में इनसेलडीएक्स का ओन्कोटेक्ट जांच बड़ा बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में इनसेलडीएक्स न सिर्फ शोधकर्ताओं बल्कि मरीजों को भी प्रभावी समाधान देने में एक विशेष राह प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा, हम इस परिवर्तन का हिस्सा बनने के लिए काफी उत्साहित हैं।

इसी प्रकार, इनसेलडीएक्स के सीईओ और एमडी ब्रूस पैटर्सन ने कहा, हम बहुत उत्साहित हैं कि हम आण्विक परीक्षण को भारत में लाने जा रहे हैं। यह रोगियों के इलाज और कारोबार दोनों के लिए फायदेमंद होगा।

इनसेलडीएक्स एक आण्विक डायग्नोस्टिक्स कंपनी है, जिसका ध्यान आण्विक डायग्नोस्टिक्स के संयोजन सेकैंसर के क्षेत्रों, विशेष रूप से फेफड़े, ग्रीवा, सिर और गर्दन, मूत्राशय कैंसर जैसे रोगों पर है।

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योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

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नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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