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पूर्वात्तर की यात्रा के लिए उत्सुक : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पूर्वोत्तर की अपनी चार दिवसीय यात्रा शुरू करने से पहले कहा कि वह अपनी इस यात्रा को लेकर और वहां के लोगों से मुखातिब होने के लिए बेहद उत्सुक हैं। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “मैं शनिवार से पूर्वोत्तर की अपनी यात्रा शुरू करने जा रहा हूं। मैं वहां पहुंचने और और वहां के लोगों से मुखातिब होने को लेकर बेहद उत्सुक हूं।”
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह पहली पूर्वोत्तर यात्रा है। वह चार दिन वहां रहेंगे। इस दौरान वह गुवाहाटी में देश के शीर्ष पुलिस प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे, असम को मेघालय से जोड़ने वाले रेल मार्ग का उद्घाटन करेंगे, त्रिपुरा में विद्युत परियोजना का उद्घाटन करेंगे और नगालैंड तथा मणिपुर में उत्सवों का शुभारंभ करेंगे।
मोदी ने एक अन्य ट्विट में लिखा, “मैं असम, मणिपुर, त्रिपुरा तथा नगालैंड जाऊंगा और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लूंगा, जो मुझे समाज के सभी वर्गो से जोड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि भारत तब तक विकास नहीं करेगा, जब तक कि पूर्वोत्तर का विकास नहीं होता। पूवरेत्तर के युवाओं में देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपार संभावना है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन और युवा प्रतिभा से संपन्न पूर्वोत्तर में देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है।”
उन्होंने लिखा, “भारत तब तक विकसित नहीं होगा, जब तक कि पूर्वोत्तर का विकास नहीं होता और हम पूर्वोत्तर की संभावनाओं को समझने तथा इसका तेजी से विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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