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अन्तर्राष्ट्रीय

पूर्व सीआईए प्रमुख को 2 साल की सजा

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वाशिंगटन | सीआईए के पूर्व प्रमुख डेविड पेट्रियस को, 2011 में गोपनीय सूचनाएं साझा करने के मामले में गुरुवार को दो साल परिवीक्षा (प्रोबेशन) और 100,000 डॉलर जुर्माने की सजा सुनाई गई है। पेट्रियस पर 2011 में लेखिका पाउला ब्रॉडवेल के साथ गोपनीय सूचनाएं साझा करने का आरोप है। पाउला के साथ पेट्रियस के विवाहेतर संबंध भी रहे हैं। अमेरिकी सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद पेट्रियस ने सीआईए का नेतृत्व किया था। वह उत्तरी केरोलिना के शेर्लोट में सजा के लिए अमेरिकी जिला न्यायाधीश डेविड कीसलर के समक्ष पेश हुए।

न्यायालयी दस्तावेजों से पता चलता है कि पेट्रियस ने भी अपने अधिकृत गोपनीय दस्तावेजों के बारे में सीआईए और एफबीआई से झूठ बोलने की बात स्वीकार की है। न्यायाधीश कीसलर ने कहा कि उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए वित्तीय जुर्माने की राशि बढ़ा दी है। उन पर दो साल की परिवीक्षा के साथ 40,000 डॉलर जुर्माना लगाया गया है। पेट्रियस ने नवंबर 2012 में ब्रॉडवेल के साथ अपने रिश्तों को स्वीकार करते हुए सीआईए का निदेशक पद छोड़ दिया था।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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