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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी जर्मनी पहुंचे, आर्थिक सहयोग बढ़ाना एजेंडे में शीर्ष पर

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पेरिस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की सफल यात्रा के बाद रविवार को जर्मनी पहुंच गए। जर्मनी यात्रा के दौरान आर्थिक और औद्योगिक सहयोग मोदी के एजेंडे में शीर्ष पर होंगे। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ मोदी जर्मनी में विश्व के सबसे बड़े औद्योगिक मेले हनोवर मेसे का उद्घाटन करेंगे, जहां मोदी अपने मेक इन इंडिया अभियान की पैरवी करेंगे। इस साल भारत हनोवर मेले का प्रमुख साझेदार देश है।

मोदी रविवार को हनोवर शहर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को एजेंला मर्केल के साथ हनोवर मेले में भारतीय मंडप (पवैलियन) का भी उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही वह भारत-जर्मनी व्यापार सम्मेलन में भी शामिल होंगे। इसके बाद वह बर्लिन के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां वह एक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अकादमी का दौरा करेंगे। इसके साथ ही वह रेलवे के आधुनिकीकरण का जायजा लेने के लिए जर्मनी के एक रेलवे स्टेशन का दौरा करेंगे।

मोदी की तीन देशों की दस दिवसीय यात्रा का दूसरा पड़ाव जर्मनी है। वह मंगलवार को अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव के तहत कनाडा में होंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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