Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में स्कूल पर हमला, 84 बच्चों सहित 104 की मौत

Published

on

Loading

पेशावर| पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक सैनिक स्कूल में मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें 84 छात्रों सहित 104 लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए स्कूल परिसर में फंसे लोगों की सुरक्षित रिहाई के आदेश दिए। तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जबकि देश में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है और एक दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में एक बंदूकधारी ने कैफे में कई लोगों को बंधक बना लिया था।

एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, चार-पांच आतंकवादियों ने पहले एक वाहन को आग लगा दी और इसके बाद पाकिस्तान के खबर-पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में वार्सिक मार्ग पर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल की इमारत में घुस गए। टेलीविजन फुटेज में स्कूली छात्रों को डरा हुआ और रोता हुआ दिखाया गया है। उनमें से कुछ के चेहरों पर खून थे। एक छात्र को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए दिखाया गया, जबकि एक को सुरक्षाकर्मी उठाकर ले जाते देखे गए।

आतंकवादियों की चपेट में आने से बच निकले बच्चों ने घटना की भयावता का जिक्र किया। एक छात्र ने कहा, “चौथी घंटी थी। हम कक्षा में थे। उनके (आतंकवादियों के) हाथ में बंदूक थी। हमारे प्राधानाध्यापक ने हमारे शिक्षक को कहा कि छात्रों को परिसर से हटाना होगा। तभी अचानक हमने सेना के जवानों को आते देखा।”

घायल और खून से लथपथ लोगों को बाहर निकालते हुए देखा गया, जबकि चिंतित अभिभावक भी बाहर इंतजार करते दिखे। स्कूल की इमारत में 500 से अधिक छात्र और शिक्षक फंसे हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने कुछ लोगों को कॉरीडोर में घायल देखा। स्कूल के एक शिक्षक ने बताया कि स्कूल में 1,400 से 1,500 छात्र पढ़ते हैं। 500 से अधिक छात्र व शिक्षक अब भी स्कूल परिसर में फंसे हैं। हमले के कुछ ही देर बाद एक आतंकवादी को खुद को स्कूल ऑडिटोरियम के बाहर उड़ाते हुए देखा गया।

अपुष्ट रपटों के मुताबिक, ऑडिटोरिम छात्रों से खचाखच भरा था, जहां छात्र परीक्षा दे रहे थे। छात्रों को शुरू में लगा कि यह एक और सैन्य अभ्यास है। उन्हें आतंक का अंदाजा उस वक्त हुआ, जब कुछ छात्रों को गोली मार दी गई। स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को सुरक्षित बचाने की कोशिश की। उनमें से कुछ दोपहर में हमले के तुरंत बाद भाग निकलने में कामयाब रहे, जबकि कुछ अन्य को सुरक्षाकर्मियों ने बाहर निकाला।

तहरीक-ए-तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह उत्तरी वजीरिस्तान में उनके खिलाफ चलाए गए सेना के अभियान का प्रतिशोध है। आतंकवादियों ने हमले के लिए जिस स्कूल को चुना, वहां सामान्य तौर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते हैं और इसे सुरक्षित समझा जाता है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएससपीआर) ने इसकी पुष्टि की है कि बच्चों तथा शिक्षकों को इमारत से बाहर निकाला जा रहा है। कुछ छात्रों ने कहा कि आतंकवादियों ने ऑडिटोरियम पर हमला किया, जहां वे परीक्षाएं दे रहे थे।

लैब असिस्टेंट उदय ने संवाददाताओं से कहा, “मैं एक घंटे तक छुपा हुआ था। तब सेना पहुंची। वे (आतंकवादी) छह-सात की संख्या में थे। उनके हाथ में बड़ी बंदूकें थीं।” प्रधानमंत्री नवाज शरीफ व खबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री पेरेज खट्टाक ने इस हमले की निंदा की और स्कूल में फंसे छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने का आदेश दिया।

शरीफ ने आंतरिक मामलों के मंत्री चौधरी निसार अली खान से पेशावर में राहत कार्यो के लिए सुरक्षा बलों के साथ समन्वय करने और उन्हें हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए कहा। खबर-पख्तूनख्वा के राज्यपाल सरदार महताब अब्बासी को भी राहत अभियान में सुरक्षा बलों को हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए कहा है। जमात-ए-इस्लामी के नेता सिराजुल हक ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पूरा देश मृतकों के परिजनों के साथ है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “धर्म के नाम पर मासूम बच्चों पर हमला स्वीकार नहीं किया जाएगा।” सभी घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending