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अन्तर्राष्ट्रीय

पर्सी स्लेज का निधन

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लॉस एंजेलिस| गायक पर्सी स्लेज का लीवर खराब हो जाने से निधन हो गया। वह 74 साल के थे। स्लेज के प्रबंधक मार्क लायमैन ने उनके निधन की पुष्टि की। मार्क ने बताया कि स्लेज ने मंगलवार को बैटन रूज स्थित अपने घर में आखिरी सांस ली। लगभग साल भर पहले पहले स्लेज के लीवर कैंसर से पीड़ित होने का पता चला था, जिसके बाद जनवरी 2014 में उनका ऑपरेशन भी हुआ था। वेबसाइट ‘एसशोबिज डॉट कॉम’ के अनुसार, स्लेज ने ऑपरेशन के बाद खुद को स्वस्थ और बेहतर महसूस करने के कारण अपने संगीत दौरे को फिर से शुरू करने का फैसला किया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर मार्च 2014 में उन्हें कार्यक्रम और प्रस्तुतियां बंद करनी पड़ी थीं। निधन से एक सप्ताह पहले उनकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी और फिर लीवर के काम करना बंद कर देने से उनकी मौत हो गई।

संगीतकार बूट्सी कोलिंस ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लिखा, “एक और महान कलाकार पर्सी स्लेज को खो दिया। वह अमेरिकी आरएंडबी थे और कमाल के प्रस्तोता थे।” स्लेज के एक अन्य संगीतकार दोस्त बीबीसी रेडियो 2 के डीजे टोनी ब्लैकबर्न ने उन्हें ट्विटर पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “यह सुनकर दुख हुआ कि पर्सी स्लेज नहीं रहे। मैंने न जाने कितनी ही बार उनका गाना ‘व्हेन ए मैन लव्स ए वुमैन’ बजाया है। उनकी आत्मा को शांति मिले।” स्लेज ने 1966 में अटलांटिक रिकॉर्डस के बैनर तले अपना पहला गाना ‘व्हेन ए मैन लव्स ए वुमैन’ जारी किया था, जिसे दुनिया के सबसे आत्मीय गानों में से एक माना गया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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