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पणजी चुनाव में हमारी जीत पक्की: मनोहर पर्रिकर

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पणजी| गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को भरोसा जताया कि उनकी पार्टी पणजी विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में भारी मतों से जीतेगी। उन्होंने साथ ही यह दावा भी किया कि विपक्ष से उन्हें कोई खास चुनौती नहीं है। पर्रिकर ने कहा कि उनकी पार्टी के 98 प्रतिशत तक मतदाता मतदान करेंगे और उनकी जीत निश्चित रूप से भारी मतों से होगी।

पणजी विधानसभा सीट से छठी बार अपनी जीत की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मुझे कहीं से चुनौती नजर नहीं आ रही।

यह पूछे जाने पर क्या वह और भाजपा उपचुनाव अभियान के लिए पहले की तुलना में अधिक प्रयास नहीं कर रहे, पर्रिकर ने कहा, आम चुनाव के दौरान पूरे गोवा के लिए चुनाव प्रचार किया था। अब मैं केवल यहां प्रचार कर रहा हूं।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमारे 98 प्रतिशत वोटर वोट देंगे.. दो प्रतिशत तकनीकी, चिकित्सकीय या अन्य कारणों से हो सकता है कि मतदान न कर पाएं।

यहां पर्रिकर का मुकाबला कांग्रेस के गिरीश चोदांकर और गोवा सुरक्षा मंच के आनंद शिरोडकर से है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ (आरएसएस) से जुड़े रहे गोवा राष्ट्रीय सुरक्षा मंच के संस्थापक सुभाष वेलिंगकर ने संवाददाताओं से कहा कि संघ से जुड़े लोग पर्रिकर का समर्थन नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, आरएसएस कार्यकर्ता उनके (पर्रिकर) लिए वोट नहीं करेंगे और हमारे आनंद शिरोडकर चुनाव जीतेंगे।

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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