Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

न्याय प्रणाली पर है बड़ी जिम्मेदारी, खत्म होंगे पेचीदा कानून : मोदी

Published

on

modi-in-judge-conferece

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए देश को अच्छे कानूनी संस्थानों की स्थापना और सक्षम लोगों की जरूरत है। मोदी ने यहां मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के एक संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की न्यायिक प्रणाली में लोगों का बहुत विश्वास है। हमें आने वाले सालों में इस क्षेत्र में कदम रखने वाले मानवसंसाधन को सक्षम बनाने की जरूरत है। जो कानून पेचीदगी भरे व पुराने हो चुके हैं उन्हें भी बदला जाएगा व उनके स्थान पर नए कानून का प्रावधान तैयार किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमें भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह सोचना पड़ेगा कि हम किस तरह से अच्छे कानूनी संस्थानों की स्थापना कर सकते हैं।

इस सम्मेलन का उद्घाटन मोदी ने किया। मोदी ने कहा, “देश की न्याय प्रणाली पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। वास्तव में, हम सभी अपने सामथ्र्य और क्षमताओं के मुताबिक जिम्मेदारियों को उठा रहे एक ही तरह के लोग हैं। लेकिन न्यायप्रणाली में कार्यरत लोगों के साथ ऐसी स्थिति नहीं है। ये जो काम करते हैं वह पवित्र है। भगवान ने आपको इस ईश्वरीय जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए भेजा है।” उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को शक्तिशाली और संपूर्ण दोनों होना चाहिए। यह एक ऐसा स्थान है, जिस पर आम लोगों को विश्वास है।

लंबित मामलों के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि लोगों को यह सोचने की जरूरत है कि बिजली के बिना व अन्य जटिलताओं के बीच अदालतें किस तरह से काम करती हैं। मोदी के मुताबिक, “हम सभी अदालतों में लंबित पड़े मामलों के बारे में बात करते हैं। लेकिन क्या हमने कभी न्यायपालिका द्वारा उन मामलों पर खर्च किए गए समय या इस दौरान आ रही समस्याओं के बारे में सोचा है।”
न्यायिक प्रणाली में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में हम जितनी जल्दी प्रौद्योगिकी लाएंगे। उतनी ही सरलता से यहां गुणात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। कोई भी जिम्मेदारी एकतरफा नहीं होती। यदि हम न्यायिक प्रणाली में प्रौद्योगिकी का अधिक इस्तेमाल करेंगे तो यह उतने ही बेहतर तरीके से काम करेगी।

उन्होंने कहा कि लोक अदालत व्यवस्था पर बल देना चाहिए। इनसे गरीबों का फायदा होगा। पूर्व न्यायाधीशों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब क्राइम बढ़ता जा रहा है, क्रिमिनल, साइबर क्राइम, मैरीटाइम, स्पेस आदि को लेकर भी समस्या आएगी। इस पर ध्यान देते हुए गुजरात में बतौर सीएम फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाई गई ताकि न्यायिक व्यवस्था में सुधार हो।

नेशनल

पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया दुःख, दार्जिलिंग रवाना

Published

on

Loading

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुःख जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है, NFR जोन में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

बता दें कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ट्रेन के लोको पायलट भी शामिल हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे का कहना है कि लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं और उन्हें पास के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। हम बचाव अभियान को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कंचनजंगा को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी है। हमें 8 लोगों की मौत की जानकारी मिली है।

पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी इसके कारण के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी लेकिन आधुनिक समय में इसकी जांच और गहन सुधार की आवश्यकता है। मैं अनुमान लगा रहा हूं कि संभवतः यह इंजन ‘कवच’ (एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली) नहीं थी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार सुधारात्मक कार्रवाई करेगी।

 

Continue Reading

Trending