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नेशनल हेराल्ड मामला : सोनिया, राहुल की 19 दिसंबर को पेशी

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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र मामले में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को 19 दिसंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने उन्हें मंगलवार को अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सोनिया और राहुल की याचिकाओं को खारिज कर दिया और उन्हें समन जारी कर मंगलवार को निचली अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने अदालत में अर्जी दाखिल कर वाईआईएल संस्था द्वारा ए.जे.एल. के अधिग्रहण में ‘धोखाधड़ी’ की शिकायत दर्ज कराई थी।

ए.जे.एल. में सोनिया और राहुल की 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इस शिकायत के बाद निचली अदालत ने 26 जून को कांग्रेस नेताओं को समन जारी किए थे, जिसके खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि सोनिया और राहुल दोनों ही अदालत के समक्ष पेश होने के इच्छुक हैं लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश ही उन्हें देर से मिला।

उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी की अदालत में पेशी से छूट देने के लिए याचिका दायर की। वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अपने मुवक्किल सैम पित्रोदा की अदालत में पेशी से छूट मांगी। उन्होंने अदालत को बताया कि पित्रोदा अमेरिका में रहता है और उसे भारत पहुंचने के लिए समय चाहिए।

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, गांधी परिवार के पारिवारिक मित्र सुमन दुबे और पार्टी के अन्य नेता ऑस्कर फर्नाडीस ने भी अदालत में पेशी से छूट की मांग की। शिकायतकर्ता स्वामी ने अदालत में पेशी से छूट संबंधी याचिका का विरोध किया। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान निचली अदालत ने कहा कि वाईआईएल ने सार्वजनिक पैसे के व्यक्तिगत इस्तेमाल करने और एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए धोखाधड़ी की।

स्वामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने एजेएल को 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया और बाद में पार्टी ने 50 लाख रुपये में ऋण वाईआईएल को हस्तांतरित कर दिया। उस समय एजेएल ने कहा कि वह ऋण का भुगतान नहीं कर सका और इसके एवज में कंपनी और इसकी परिसंपत्तियां वाईआईएल को बेचने को तैयार हो गया। उस समय वोरा एजेएल के अध्यक्ष थे।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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