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अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल भूकंप में 80 लाख लोग प्रभावित : संयुक्त राष्ट्र

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काठमांडू | संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में नेपाल के 39 जिलों में 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इनमें से 11 सर्वाधिक प्रभावित जिलों में अकेले 20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि राहत कार्य में भूकंप पीड़ितों को भोजन, पानी, आश्रय और दवाएं उपलब्ध करवाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 14 लाख लोगों तक तत्काल खाद्य सामग्री पहुंचाने की जरूरत है। नेपाल में शनिवार को आए 7.9 तीव्रता वाले भूकंप में राजधानी काठमांडू और उसके आसपास का इलाका सर्वाधिक प्रभावित हुआ है तथा भूकंप से प्रभावित कुल आबादी का तीन-चौथाई हिस्सा काठमांडू से बाहर का है।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अगले 10 दिनों में बारिश हो सकती है, जिससे पीड़ितों की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं तथा राहत कार्य में बाधा आ सकती है। साथ ही इसके कारण बीमारियां भी फैल सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, कृषि पर जीवनयापन करने वालों का जीवन सर्वाधिक प्रभावित हुआ है तथा इसके कारण खाद्य सुरक्षा पर भी सर्वाधिक असर पड़ने की संभावना है। शनिवार को आए भूकंप में नेपाल में अबतक लगभग 4,500 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 7,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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