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प्रधानमंत्री ने कालिखो पुल के निधन पर शोक जताया

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निधननई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल के निधन पर शोक जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के लिए उनकी सेवाएं हमेशा याद रखी जाएंगी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर कहा गया, “कालिखो पुल के निधन पर उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। अरुणाचल प्रदेश के लिए उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा।”

पुल (47) का शव इटानगर स्थित उनके घर में पंखे के सहारे फंदे से झूलता पाया गया था।

और पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की मौत, आत्महत्या का अंदेशा

पुल ने भाजपा के समर्थन से तत्कालीन मुख्यमंत्री नबाम तुकी को हटाकर 19 फरवरी को सरकार बनाई थी। उन्होंने 13 जुलाई तक मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला था।

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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