मनोरंजन
नाना पाटेकर की संस्था ने किसानों की मदद के लिए बढ़ाया हाथ
मुंबई। महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए अभिनेता नाना पाटेकर की संस्था ‘नाम फाउंडेशन’ ने एक दिन में 80 लाख रुपये जमा कर लिए हैं। नाना ने मराठी फिल्मों के मशहूर अभिनेता मकरंद अनासपुरे के साथ मिलकर ‘नाम फाउंडेशन’ संस्था का गठन किया है।
नाना ने अपने घर में गणेश उत्सव का जश्न मनाने के दौरान कहा, “हमने एक दिन में ‘नाम फाउंडेशन’ के लिए 80 लाख रुपये जमा किए। यह सच नहीं है कि कोई भी प्रभावितों की मदद नहीं करना चाहता। दरअसल, वे इसे लेकर सशंकित हैं कि उनका धन सही जगह जा रहा है कि नहीं। लेकिन अब उन्हें हमारे काम पर विश्वास है।”
महाराष्ट्र के कई क्षेत्र कम बारिश के कारण सूखे से प्रभावित हैं, जिसका असर किसानों पर पड़ रहा है। कई किसानों ने आत्महत्या भी कर ली। नाना और मकरंद इससे पहले अपनी तरफ से भी विदर्भ के उन 113 परिवारों को 15-15 हजार रुपए की नकद राशि दे चुके हैं, जिनके परिवार का कोई सदस्य आत्महत्या कर चुका है।
नाना ने कहा, “हमेशा कहा जाता है कि सरकार पर्याप्त कार्य नहीं कर रही है और सारा दोष सरकार पर मढ़ दिया जाता है, लेकिन हम काफी काम कर सकते हैं, तो सरकार को अपना काम करने दीजिए।” नाना की इस पहल का असर सिनेमा जगत पर भी दिखने लगा है। अभिनेता अक्षय कुमार ने भी किसानों की मदद के लिए 90 लाख रुपये दिए।
मनोरंजन
नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट
मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।
इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’
उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’
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