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नेशनल

नए प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति के खिलाफ अपील खारिज

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नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को देश के अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर की नियुक्ति को रद्द करने की मांग वाली अपील को खारिज कर दिया। खेहर चार जनवरी को देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। न्यायमूर्ति आर.के.अग्रवाल और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अवकाश पीठ ने ‘नेशनल लॉयर्स कैम्पेन फॉर जुडीशियल ट्रांसपेरेंसी एंड रिफॉर्म’ (एनएलसीजेटीआर) तथा अन्य द्वारा दायर की गई अपील को अयोग्य करार देते हुए इसे खारिज कर दिया।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 19 दिसम्बर को न्यायमूर्ति खेहर को भारत के 44वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया था। वर्तमान प्रधान न्यायाधीश टी.एस.ठाकुर तीन जनवरी को सेवानिवृत्त होंगे। एनएलसीजेटीआर तथा अन्य की याचिका को खारिज करते हुए न्यायालय ने याचिका के एक हिस्से का उल्लेख करते हुए कहा, “खेहर नि:संदेह सर्वोच्च न्यायालय के सबसे ईमानदार न्यायमूर्तियों में से एक हैं।

याचिकाकर्ता उनका सम्मान करते हैं। जब उनकी ईमानदारी, सत्यनिष्ठा व शुचिता की बात आती है, तो कोई उनपर उंगली नहीं उठा सकता। इन मामलों में वह सच में हीरा हैं।” न्यायालय ने अपने आदेश में याचिका को खारिज करते हुए कहा कि देश के प्रधान न्यायाधीश के अलावा, शीर्ष न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायमूर्ति उस कॉलेजियम के सदस्य हैं, जिसने शीर्ष न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है।

न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को खारिज किया कि खेहर सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा 16 अक्टूबर, 2015 को दिए गए उस फैसले के सबसे बड़े लाभार्थी रहे हैं, जिसमें संविधान के 99वीं संशोधन को असंवैधानिक करार दिया गया था, जिससे एनजेएसी तथा एनजेएसी अधिनियम का मार्ग प्रशस्त हुआ।

 

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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