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मुख्य समाचार

‘धरती पुत्र’ को पछाड़ टीपू बने ‘सुल्तान’!

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dhariputra-tipu‘जिसने कभी न झुकना सीखा, उसका नाम मुलायम है’ और ‘धरती पुत्र मुलायम सिंह’ जैसे नारों के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में मचे घमासान का शनिवार को जिस तरह हुए नाटकीय पटाक्षेप के बाद रविवार को आपातकालीन अधिवेशन में मुलायम की जगह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ताजपोशी हुई है, उससे तो यही लगता है कि ‘धरती पुत्र’ को पछाडक़र ‘टीपू’ अब सपा के ‘सुल्तान’ बन गए हैं।

शनिवार को सपा के संकट मोचक बने कबीना मंत्री आजम खां ने पिता-पुत्र के बीच जिस तरह का किरदार निभाया था, उससे सभी को यह लग रहा था कि सूबे की सत्ता में काबिज समाजवादी पार्टी में अब सब कुछ ठीक हो गया है। लेकिन जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को हुए आपातकालीन अधिवेशन में पार्टी के महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के प्रस्ताव पर मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने मुहर लगाकर मुखिया मुलायम सिंह यादव को ‘दंगल’ चारों खाने चित्त करने का जो दांव चला गया, वह अप्रत्याशित ही नहीं, बल्कि सबको हैरत में डालने वाला भी है।

वैसे भी कई माह से चल रही सपा में वर्चस्व की जंग में अब तक प्रदेश अध्यक्ष रहे शिवपाल सिंह यादव और पर्दे के पीछे काम कर रहे अमर सिंह को कुछ सपाई ‘खलनायक’ की संज्ञा दे रहे थे, लेकिन उनमें खुलकर मुखालफत करने की हिम्मत नहीं थी। अब जब अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित ही कर दिया गया है तो निश्चित तौर सभी समाजवादी अखिलेश के पक्ष में खड़े होते दिखाई देंगे।

फिर भी इस जंग की समाप्ति नहीं माना जा सकता, क्योंकि पार्टी के संरक्षक मात्र रह गए मुलायम सिंह चुप नहीं बैठेंगे। मुलायम की तरफ से एक बार फिर छह साल के लिए निकाले गए रामगोपाल ने जहां नए नेतृत्व की जानकारी चुनाव आयोग तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं, वहीं मुलायम सिंह द्वारा पांच जनवरी को बुलाए सम्मेलन में कड़ा फैसला लेने की उम्मीद जताई जा रही है।

अभी तक मुलायम भले ही कभी न झुके हों, लेकिन शनिवार को अखिलेश के सरकारी आवास में आयोजित बैठक में विधायक और मंत्रियों की उपस्थिति ने उन्हें पहली बार झुकाया है, शायद यही वजह भी रही होगी कि उन्हें शाम तक अखिलेश और रामगोपाल की वापसी का ऐलान करना पड़ा। इससे भी ज्यादा लानत भरा कदम तो अखिलेश और रामगोपाल ने उन्हें पार्टी मुखिया पद से हटाकर चला है।

बुजुर्ग राजनीतिक विश्लेषक रणवीर सिंह चौहान कहते हैं, “यह तख्ता पलट राजाओं और बादशाहों जैसा रहा, इसमें तो यही कहा जा सकता कि बचपन का ‘टीपू’ और अबका अखिलेश धोबी पछाड़ दांव मारकर ‘धरती पुत्र मुलायम सिंह’ को चारो खाने चित्त कर खुद सपा के ‘सुल्तान’ बन गए हैं और अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में चली गई है।”

नेशनल

सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

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