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नेशनल

देश में कुशल कार्यबल में सुधार की जरूरत : धर्मेद्र प्रधान

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नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि विकसित देशों में कुशल श्रमबल की संख्या 50 से 90 फीसदी है जबकि भारत में नेशनल सैम्पल सर्वे के परिणाम दर्शाते हैं कि देश में कुशल कार्यबल की संख्या मात्र 10 फीसदी है। ऐसे में इस क्षेत्र में जबरदस्त सुधार की जरूरत है। फिक्की के ‘ग्लोबल स्किल्स समिट’ के दसवें संस्करण के उद्घाटन मौके पर प्रधान ने कहा कि भारत पहले ओद्यौगिक क्रांति से चूक गया था, लेकिन अब देश ‘उद्योग 4.0’ के लिए पूरी तरह से तैयार है।

सम्मलेन के दौरान कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सहयोग से ‘न्यू एज स्किल्स फॉर टुडे एंड टुमारो’ विषय पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया।

इस मौके पर मंत्री जी ने चार रिपोर्ट्स का अनावरण किया- ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स’ रिपोर्ट, फिक्की की इंडस्ट्री एंगेजमेन्ट रिपोर्ट, फिक्की की एम्प्लॉयर लैड जॉब मॉडल्स प्राइमर रिपोर्ट, फिक्की संचालित मीडिया एण्ड एंटरटेनमेन्ट स्किल्स काउन्सिल द्वारा ‘मीडिया टॉक बैक’ पर मैग्जीन तथा केस स्टडी और कौशल विकास के प्राइवेट सेक्टर मॉडल। इसके अलावा सम्मेलन के दौरान फिक्की और यूएनडीपी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए।

टेकनोलॉजी और शिल्पकारी शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए वल्र्डस्किल्स इंटरनेशनल के अध्यक्ष साइमन बार्टले ने कहा, दुनिया के भविष्य को स्थायी बनाने के लिए दिल, दिमाग और हाथ को मिल कर काम करना होगा। तेजी से बदलते परिवेश में भारत को वैश्वीकरण, मानकीकरण तथा नई तकनीकों पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। ताकि आज के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।

फिक्की स्किल डेवलपमेन्ट कमेटी (कौशल विकास समिति-एसडीसी) के चेयरमैन तथा मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन मोहन दास पाई ने कहा, भारत में शिक्षा एवं कौशल नीतियों में बदलाव लाने की आवश्यकता है, हमें नियोक्ताओं के लिए ऐसा माहौल बनाना होगा, ताकि वे बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा कर सकें। इस दृष्टि से तकनीक के सही इस्तेमाल के साथ-साथ नियोक्ता-उन्मुख प्रशिक्षण तथा हर राज्य के लिए नीति निर्माण की जरूरत है।

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नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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