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नेशनल

देवास में सेना की मदद से छप रहे नए नोट

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नोटबंदी, बीएनपी, बैंक नोट मुद्रणालय, ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट, नोट छपाई

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नोटबंदी, बीएनपी, बैंक नोट मुद्रणालय, ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट, नोट छपाई

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देवास (मप्र) | नोटबंदी के बाद मध्यप्रदेश के देवास स्थित बैंक नोट मुद्रणालय (बीएनपी) में नए नोटों की छपाई शुरू है। बड़े पैमाने पर हो रही नए नोटों की छपाई में सेना की मदद ली जा रही है। छपे नोटों को देशभर में पहुंचाने में भी सेना का सहयोग लिया जाएगा। बीएनपी के सूत्रों के मुताबिक, ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट के 200 जवान रविवार को ही ग्वालियर से देवास पहुंच गए। ये जवान नोट छपाई और ढुलाई के काम में मदद करेंगे। इस प्रेस में इस समय सिर्फ 500 के नोट ही छापे जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, बीएनपी (देवास) में नोटबंदी के बाद दूसरे नोटों की छपाई बंदकर सिर्फ 500 के नोट ही छापे जा रहे हैं। यहां एक दिन में लगभग दो करोड़ नोटों की छपाई हो रही है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी नोट छपाई के काम में लगाया गया है। यहां 24 घंटे नोटों की छपाई जारी है। कर्मचारियों की कमी के चलते सेना की मदद ली जा रही है।

 

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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