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दिल्ली में मना दूसरा कार फ्री डे, साइकिल पर नजर आए सीएम केजरीवाल
नई दिल्ली। 22 जनवरी 2016 को दिल्ली में साल का पहला और दिल्ली का चौथा कार फ्री डे किसी एक खास इलाके में नहीं, बल्कि पूरी दिल्ली में मनाया जाएगा। खुद मुख्यएमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दूसरे कार फ्री डे पर द्वारिका में साइकिल रैली के आयोजन के मौके पर इसकी घोषणा की।
द्वारिका में सुबह 8.45 बजे साइकिल रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप विधायक आदर्श शास्त्री और परिवहन मंत्री गोपाल राय शामिल हुए। दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा, “यह दूसरा कार फ्री डे है और हम इस अभियान के समर्थन में द्वारका स्पोटर्स कॉम्पलेक्स में कार्यक्रम आयोजित कर खुश हैं।”
आयोजन की अगुआई करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद 6 किलोमीटर तक साइकिल चलाकर वायु प्रदूषण से बचाव का संदेश दिया। केजरीवाल ने चौथा कार फ्री डे 22 जनवरी को पूरी दिल्ली में मनाने की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा 22 जनवरी वर्किंग डे है इसलिए वो खुद साइकिल चलाकर ऑफिस जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने 22 अक्टूबर को राज्य में पहला कार फ्री डे आयोजित किया था। दिल्ली सरकार ने इससे पहले हर महीने की 22 तारीख को कार फ्री डे के रूप में मनाने का ऐलान किया था।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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