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दलाई लामा के अरुणाचल दौरे पर भारत ने चीन को सुनाई खरी-खरी
नई दिल्ली/बीजिंग। तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे से भारत-चीन के कूटनीतिक संबंधों में ताजा खटास आ गई है। नई दिल्ली ने मंगलवार को कहा कि दलाई लामा के दौरे का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और बीजिंग भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे। बीजिंग ने दलाई लामा को चीन-विरोधी अलगाववादी करार देते हुए उनकी आलोचना की और तिब्बती धर्मगुरु के समर्थन के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर भारत पर हमला किया।
अरुणाचल प्रदेश के निवासी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि दलाई लामा के दौरे को कोई राजनीतिक रंग न दे। उन्होंने कहा, “भारत हमेशा से अपने पड़ोसियों के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं करने का दृष्टिकोण अपनाता रहा है। हम पड़ोसियों से भी यही उम्मीद करते हैं।” उन्होंने कहा, “जब तक दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश में हैं, वह केवल धार्मिक मामलों तक सीमित रहेंगे। वह वहां कोई राजनीतिक बयान देने के लिए नहीं हैं और वह किसी राजनीतिक मकसद से वहां नहीं हैं।”
रिजिजू ने कहा कि भारत ने चीन की संप्रभुता पर कभी सवाल नहीं खड़ा किया और वन-चाइना पॉलिसी का आदरपूर्वक पालन करता रहा है। दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे से पहले चीन के विरोध के बाद विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दलाई लामा पहले भी छह बार अरुणाचल प्रदेश का दौरा कर चुके हैं और उनकी पांच अप्रैल से शुरू इस यात्रा को ‘अलग रंग’ नहीं दिया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, “सरकार कई अवसरों पर स्पष्ट कर चुकी है कि दलाई लामा धर्मगुरु हैं और भारतीय उनका बहुत सम्मान करते हैं। उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों एवं देश के विभिन्न हिस्सों में उनके दौरों को अलग रंग नहीं दिया जाना चाहिए।”
दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने समाचार एजेंसी एफे से कहा, “14वें दलाई लामा चीन विरोधी अलगाववादी हैं और तिब्बत में मार्च 1959 में तिब्बती विद्रोहियों द्वारा एक नाकाम सशस्त्र विद्रोह के बाद से वह निर्वासित जीवन जी रहे हैं।” भारत की तरफ अप्रत्यक्ष इशारा करते हुए बयान में कहा गया है, “चीन की सरकार 14वें दलाई समूह द्वारा चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों को किसी भी देश के समर्थन का विरोध करती है।”
इस बीच, खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर द्वारा निर्धारित यात्रा रद्द करने के बाद दलाई लामा सडक़ मार्ग से अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला पहुंचे।
बोमडिला में दलाई लामा की अगवानी अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू तथा तिब्बती समुदाय के सदस्यों ने की। रिजिजू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश कोई विवादित हिस्सा नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “कुछ जगहों पर मैकमोहन रेखा के किनारे जमीन पर सीमांकन के संबंध में मुद्दे हैं, क्योंकि जमीन पर यह नहीं खींची गई है। यही कारण है कि भारत, चीन तथा अरुणाचल प्रदेश के लोगों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता से भविष्य में सौहार्द्रपूर्ण समाधान की उम्मीद है।”
चीन ने मार्च में कहा था कि अगर दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश के दौरे की मंजूरी दी गई, तो दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ेंगे। बीजिंग अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने की मंजूरी देने को लेकर चिंतित है। गेंग ने कहा कि चीन दलाई लामा की इस यात्रा का पुरजोर विरोध करता है। गेंग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “चीन दलाई लामा के विवादित क्षेत्रों का दौरा करने का पुरजोर विरोध करता है।” गेंग ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दों की संवेदनशीलता को समझता है और तब भी दलाई लामा को अरुणाचल का दौरा करने अनुमति दे रहा है, जिससे उसके चीन के साथ संबंध खराब होंगे।
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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव
एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।
उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।
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