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अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण कोरिया में मर्स का कोई नया मामला नहीं

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सियोल| दक्षिण कोरिया में सोमवार को लगातार आठवें दिन मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) का कोई नया मामला सामने नहीं आया। दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मर्स पीड़ितों की कुल संख्या 186 और इससे मरने वालों की संख्या 36 बनी हुई है। देश में शुक्रवार (10 जुलाई) से मर्स का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।समाचार एजेंसी योनहैप की रपट के अनुसार, सोमवार तक 451 लोग विशेष चिकित्सीय निगरानी में थे।

दक्षिण कोरिया में 20 मई को मर्स का पहला मामला सामने आया था। उसके बाद से संक्रमण की आशंका के कारण करीब 16,700 लोग विशेष चिकित्सीय निगरानी में रखे गए।14 दिनों तक निगरानी के बाद मर्स का कोई लक्षण न मिलने पर अब तक 16,231 लोगों को वापस घर भेजा जा चुका है।मर्स की चपेट में आने के बाद पूरी तरह ठीक होने के बाद 130 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।

मर्स पीड़ित 20 अन्य अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से चार की हालत अस्थिर है।मर्स से दुनियाभर में 530 से अधिक लोगों की जान गई है, जिससे मृत्यु दर 36 फीसदी से ऊपर पहुंच गया है।दक्षिण कोरिया में मृत्यु दर 19.4 फीसदी है।मर्स का सबसे पहले मामला सर्वप्रथम 2012 में सऊदी अरब में सामने आया था। फिलहाल इस बीमारी से बचाव का कोई टीका मौजूद नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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