अन्तर्राष्ट्रीय
थेरेसा शरणार्थियों पर अमेरिकी प्रतिबंध से सहमत नहीं
लंदन | ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे शरणार्थियों पर प्रतिबंध लगाने के राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले से सहमत नहीं हैं। बीबीसी की रपट के मुताबिक, सात मुस्लिम देशों से शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के ट्रंप के आदेश की आलोचना करने से इंकार करने को लेकर शनिवार को थेरेसा की निंदा की गई थी।
इस आदेश से सभी शरणार्थियों और ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से नागरिकों के प्रवेश पर अस्थायी प्रतिबंध लग गया है और सीरियाई शरणार्थियों के प्रवेश पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लग गया है।
इससे पहले तुर्की में एक सम्मेलन में थेरेसा ने कहा था कि अमेरिका को अपनी नीतियों पर फैसला लेने का अधिकार है।
इस प्रतिबंध पर खुलकर निंदा करने से थेरेसा के इंकार की कंजर्वेटिव सांसदों समेत कई राजनेताओं ने आलोचना की थी।
दक्षिणी कैम्ब्रिजशायर के कंजर्वेटिव सांसद हीदी एलन ने ट्वीट किया, “मजबूत नेतृत्व का अर्थ किसी ताकतवर के बारे में निडर होकर यह कहना है कि वह गलत है।”
वहीं, लेबर पार्टी के जेरेमी कार्बिन ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस रवैए से ब्रिटिश मूल्यों के लिए खड़े होने में उनकी नाकामी और कमजोरी जाहिर होती है।
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गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत
नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।
यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।
स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।
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