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त्रिपुराःमोदी लहर में 25 साल पुराना ‘लेफ्ट’ का किला ध्वस्त

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नई दिल्ली। एक समय था जब त्रिपुरा में बीजेपी की एक भी सीट नही थी। अगर पांच साल पहले की बात की जाए तो उस समय तक त्रिपुरा में बीजेपी अपना खाता तक नही खोल सकी थी। 25 साल तक त्रिपुरा में लेफ्ट की सरकार रही।

लेकिन 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इस बार सीपीएम का किला ध्वस्त हो गया। अभी तक मिले रुझानों में बीजेपी 17 सीटें जीत कर त्रिपुरा में सरकार बनाती हुई दिख रही है। वहीं लेफ्ट के खाते में अभी तक सिर्फ 8 ही सीटें आईं हैं। बीजेपी अभी तक के मिले रुझानों के मुताबिक 18 सीटों पर आगे चल रही है जबकि लेफ्ट 8 सीटों पर ही आगे चल रही थी।

59 सीटों पर हुए मतदान के परिणाम में 25 साल से काबिज लेफ्ट अब सत्ता से बाहर होती दिख रही है। भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी शाम 4 बजे मतगणना के रूझानों में लेफ्ट 16 और बीजेपी 35 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। इनमें लेफ्ट 8 सीटें और बीजेपी 17 सीटों पर जीत दर्ज करा चुकी है।

आईपीएफटी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि 2 सीटों पर आगे चल रही है।
आपको बता दें कि त्रिपुरा में सरकार बनाने के लिए 31 सीटों की जरुरत है। जिसे बीजेपी आसानी से पार करते हुए दिख रही है।

 

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628 को उम्रकैद, 37 को दिलवाई फांसी, जानें कौन हैं मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार उज्जवल निकम

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मुंबई| लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने शनिवार को 15वीं सूची जारी कर दी। इस सूची में उज्जवल निकम का नाम भी शामिल है। मशहूर वकील उज्जवल निकम को भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मुंबई उत्तर मध्य सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से पूनम महाजन का टिकट काट गया है।

बता दें कि पूनम महाजन मुंबई की नॉर्थ सेंट्रल सीट से बीजेपी की निवर्तमान सांसद है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इससे पहले 2014 में भी वह इसी सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं लेकिन इस बार पार्टी ने उनपर भरोसा न जताकर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम को चुनावी मैदान में उतारा है।

बता दें कि उज्जवल निकल देश के जाने-माने वकील हैं उन्हीं ने मुंबई में 26/11 हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आमिर कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था। इस केस में वह विशेष लोक अभियोजक भी थे। इसके अलावा वह 1993 के बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल केसों में सरकारी की ओर से केस लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने 30 साल लंबे करियर में 628 लोगों को आजीवन कारावास और 37 लोगों को मृत्युदंड की सजा दिलवाई।

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