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मनोरंजन

‘तलवार’ के लिए 2 साल चला अध्ययन

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मुंबई। चर्चित आरुषि हत्याकांड पर आधारित आगामी फिल्म ‘तलवार’ बनाना बहुत मुश्किल रहा है। इसके निर्माताओं में से एक का कहना है कि इसे बनाने से पूर्व फिल्मकारों को दो साल से अधिक समय तक हत्याकांड पर गहन अध्ययन करना पड़ा।

मेघना गुलजार निर्देशित ‘तलवार’ में इरफान खान, कोंकणा सेन शर्मा और तब्बू मुख्य भूमिका में हैं। एक बयान के अनुसार, गहन अध्ययन की वजह से ‘तलवार’ की प्रारंभिक लागत इसके निर्माण में आई लागत के बराबर है।

फिल्म 2008 के सनसनीखेज आरुषि-हेमराज हत्याकांड के इर्दगिर्द घूमती है। फिल्मकार फिल्म में कोई सवाल नहीं छोड़ना चाहते थे और इसलिए हत्याकांड का गहन अध्ययन किया। ‘तलवार’ की सह-निर्माता और जंगली पिक्चर्स की अध्यक्ष प्रीति साहनी ने कहा, “विशाल जी और मेघना के पास जुझारू शोध टीमें हैं, जिन्होंने मामले के सभी पहलू पेश करने के लिए शूटिंग शुरू करने से पूर्व दो वर्षो से अधिक समय तक इस पर शोध किया।” फिल्म दो अक्टूबर को रिलीज हो रही है।

प्रादेशिक

सीएम सुक्खू के मंत्री का विवादित बयान, कहा- कंगना को कोई बिना मेकअप देख ले तो दूसरी बार नहीं देखेगा

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना रनौत के चेहरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अपने कार्यक्रमों में मेकअप करके आती है। मेकअप वाली टीम भी हमेशा उनके साथ रहती है। मेकअप को देख ही लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है। अगर सुबह के समय कोई व्यक्ति कंगना को बिना मेकअप देख लें तो दूसरी बार नहीं देखेगा।

उधर कंगना ने भी नेगी केइस बयान पर पलटवार किया है। कंगना ने कहा कि उन्होंने फिल्मों में बिना मेकअप के भी रोल निभाए हैं। आज अगर वह अच्छे कपड़े पहनकर और पाउडर-लिपस्टिक लगाकर जनता से मिलना चाहती हैं तो उसमें भी यह आपत्ति जताते हैं। कंगना ने आगे कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि शक्ल से उनको क्या परेशानी हो गई। क्या इनके खूबसूरत चेहरों पर वोट दिए हैं। सुक्खू जी को लगता है उनकी खूबसूरत शक्ल पर वोट मिले हैं।

कंगना ने आगे कहा कि राजनीति में एक भाव है और यह भाव किसी में भी आ सकता है। किसी का चेहरा कैसा है या आपकी उम्र और लिंग क्या है यह देश इस सबसे बाहर निकलकर काफी आगे जाना चाहता है। ये देश की बहनों को काली-पीली और उनकी शक्ल को लेकर बातें करते हैं। उन्हें मेरी शक्ल से क्या लेना-देना। मेरी शक्ल चाहे जैसी भी हो जब तक मैं बुजुर्गों भाइयों, माता-बहनों और बच्चों की सेवा में तत्पर हूं तो मेरी शक्ल से तुम्हें क्या लेना-देना। आपको बता दें कि कंगना अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की वेशभूषा पहन रही हैं।

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