Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

तथ्यों पर खरा नहीं उतरता टीकाकरण का दावा 

Published

on

Loading

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 30 जून को एक बयान दिया कि 2016 के अंत तक संपूर्ण टीकाकरण या 95 फीसदी बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। मंत्री द्वारा पिछले दिनों दिए गए एक अन्य बयान के आलोक में हालांकि यह एक असंभव लक्ष्य लगता है।

करीब चार महीने पहले नड्डा ने संसद में कहा था कि टीकाकरण के दायरे में देश के 90 फीसदी बच्चों को लाने में पांच साल लगेंगे।

अभी करीब 65 फीसदी बच्चों का ही टीकाकरण हो पाता है। यह 38 साल पहले संपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) शुरू होने बाद अब तक का सबसे ऊंचा अनुपात है।

सरकारी आंकड़े के मुताबिक आज हर तीन में से एक बच्चा संपूर्ण टीकाकरण से वंचित रह जाता है, जिसके कारण देश में हर साल पांच लाख बच्चों की ऐसे रोगों से मौत हो जाती है, जिनके लिए टीका उपलब्ध है।

नड्डा ने 10 मार्च, 2015 को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था, “सरकार ने 25 दिसंबर, 2014 को उन बच्चों के लिए इद्रधनुष अभियान शुरू किया है, जिनका या तो टीकाकरण हुआ है या आंशिक टीकाकरण हुआ है। इस अभियान में अगले पांच साल में बच्चों के संपूर्ण टीकाकरण का दायरा सालाना पांच फीसदी बढ़ाते हुए कम से कम 90 फीसदी करने के लिए कदम उठाने पर ध्यान दिया गया है।”

1992-93 में 35.5 फीसदी बच्चों का टीकाकरण हो पाता था, जो 2013-14 में बढ़कर 65.2 फीसदी हो गया है।

यूआईपी के तहत नौ प्रकार के रोगों से बचाव के लिए बच्चों को टीके लगाए जाते हैं। इन रोगों में शामिल हैं डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटेनस, पोलियो, चेचक, बच्चों में होने वाला एक विशेष क्षय रोग, हैपेटाइटिस बी, हीमोफिलस एनफ्लूएंजा बी के कारण होने वाला मस्तिष्क ज्वर/निमोनिया और जापानी एनसेफलाइटिस।

उत्तराखंड में यूआईपी के दायरे में 79.6 फीसदी बच्चे आ गए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश 52.7 फीसदी के साथ सबसे पीछे है।

इंद्रधनुष का मुख्य रूप से ध्यान उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, असम और उत्तर प्रदेश पर है, जहां देश की आधी आबादी रहती है, 60 फीसदी जन्म होता है, 71 फीसदी शिशु मृत्यु दर है, पांच साल से पहले 72 फीसदी मौत होती है और मातृत्व मातृ मृत्यु में 62 फीसदी योगदान है।

गोवा में टीकाकरण की पहुंच 89.1 फीसदी, सिक्किम में 85.2 फीसदी और केरल में 82.5 फीसदी है।

जागरूकता का अभाव, टीका के बुरे प्रभाव तथा टीके का अभाव जैसे कारणों से टीकाकरण की पहुंच सीमित है।

सरकार इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए 201 ऐसे जिलों पर विशेष ध्यान दे रही है, जहां आंशिक टीकाकरण या टीकाकरण के दायरे से बाहर 50 फीसदी बच्चे रहते हैं।

टीकाकरण पर सरकार ने गत तीन साल में 599.87 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

टीकाकरण से हर साल वैश्विक स्तर पर 20-30 लाख बच्चों की डिप्थीरिया, टिटेनस, काली खांसी और चेचक जैसे रोगों से बचाव हो जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 2013 में दुनिया भर में करीब 2.18 करोड़ शिशुओं को नियमित टीका नहीं लग पाया, जिनमें से आधे शिशु भारत, नाइजीरिया और पाकिस्तान से थे।

(आंकड़ा आधारित, गैर लाभकारी, लोकहित पत्रकारिता मंच, इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत। यहां प्रस्तुत विचार लेखक के अपने हैं।)

 

उत्तर प्रदेश

कन्नौज में बोले सीएम योगी- उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे

Published

on

Loading

कन्नौज। देश में तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। चौथे चरण में सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए सभी पार्टियां जी जान से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्नौज में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश और इस राज्य की जनता ने अपना मन बना लिया है। हम उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे और उसकी माला बनाकर माननीय प्रधानमंत्री के गले में पहनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने देश में 400 से भी ऊपर सीटें जीतने का दावा किया।

उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ये नया भारत केवल बोलता ही नहीं है करके दिखाता है। भाजपा ने कहा था कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। तब समाजवादी पार्टी के लोग रामभक्तों पर गोलियां चलाते थे। बोलते थे परिंदा भी पर नहीं मार सकता लेकिन हमने आज मंदिर वहीं बनाकर दिखाया है। 500 सालों बाद इस वर्ष पहली बार प्रभु श्री राम ने अयोध्या की इस पावन धरती पर होली भी खेली और अपना जन्मदिन भी मनाया है। पहली बार भगवान राम का सूर्य तिलक भी हुआ है। ये अद्भुत घटनाएं भारत में कभी-कभी होती है और हम सौभाग्यशाली है जो इन घटनाओं को अपनी आंखों के सामने होते हुए देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वे कन्नौज से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं कि इंडी गठबंधन को यहां प्रत्याशी नहीं मिल रहा था। सपा अध्यक्ष कह रहे हैं कि सेवा करना चाहता हूं। जब मौका था, तब कन्नौज के इत्र में बदबू फैलाने का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश से कन्नौज के लड़ने का कारण बताया। सीएम योगी ने कहा, उम्मीदवार ढूंढे नहीं मिल रहे थे, तो उन्होंने खुद दांव आजमा लिया। पहले को टिकट दिया, फिर उसका टिकट काट दिया, दूसरे को दिया तो वह मैदान छोड़कर भाग गया। तीसरे की घोषणा की तो वह मना कर दिया। जब कोई नहीं मिला तो खुद लड़ने चले आए।

योगी ने कहा, जब मौका मिला तब बदबू फैला रहे थे। हर दूसरे दिन यूपी में दंगा कराते थे। इनके शासन में बेटियों-व्यापारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ होता था। गरीबों के हकों पर डकैती पड़ती थी। मुख्यमंत्री आवास बुलाकर दंगाइयों का महिमामंडन करते थे, लेकिन अब नए भारत का नया उप्र दंगाइयों व कर्फ्यू लगाने वालों से कैसे निपटता है, यह आप भी देख रहे होंगे। सीएम योगी ने कहा कि नए भारत में सुरक्षा, गरीब कल्याण, विकास, विरासत और आस्था का सम्मान है। सपा रामभक्तों पर गोली चलाती थी, आतंकियों के मुकदमे वापस लेती थी और भाजपा राम मंदिर बनवाती है। आपने वोट देकर भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली व लखनऊ सरकार को चुना है, इसलिए आपके योगदान की बदौलत अयोध्या में 500 वर्ष के बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है।

Continue Reading

Trending