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मुख्य समाचार

डॉ. अशोक अज्ञानी और रिजवान सृजन सम्मान से सम्मानित

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लखनऊ। अवधी के प्रसिद्ध कवि डॉ. अशोक अज्ञानी को 26वें सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही सृजन युवा सम्मान व्यंग्य के नवांकुर रिजवान खान को दिया गया।

20150726_170118लखनऊ के व्यवसायी और सिंधी समाज के नेता मुरलीधर आहूजा और सृजन के संस्थापक हास्य कवि सर्वेश अस्थाना ने यूपी प्रेस क्लब में सम्मानित कवियों को दुशाला और प्रतीक चिह्न भेंट किया। मुख्य अतिथि ने लखनऊ की साहित्यिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि अवध क्षेत्र का साहित्यिक योगदान सबसे बड़ा है। उन्होंने कहा कि अवधी के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास ने विश्व में अग्रणी नाम किया है।

सुभाष चंद रसिया के संयोजन में हुए इस आयोजन में शहर के साहित्य जगत की कई विभूतियां मौजूद रहीं। यहां मुकुल महान, अरविंद झा, अनूप मणि त्रिपाठी, रजनी राय, आरपी वर्मा, क्षितिज उमेंद्र, संदीप सिंह, श्रीश लखनवी, प्रवीण राठौर, कामिनी श्रीवास्तव, कुसुम वर्मा, केके सिंह, मयंक, सुभाष गुरुदेव, सौरभ त्रिवेदी, राहुल मौर्य, संतोष सिंह, आशीष आनंद, संजीत शर्मा, शहरयार जलालपुरी, कुलदीप वर्मा आदि ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन अभय सिंह किया।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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