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प्रादेशिक

झाबुआ विस्फोट : अब भी मिल रहे मानव अंग

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झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में भीषण विस्फोट हुए तीन दिन गुजर गए, इस हादसे में चीथड़े उड़े लोगों के अंग अब भी मिल रहे हैं। इस हादसे के लिए जिम्मेदार राजेंद्र कासवा फरार है, उसके करीबियों से पूछताछ की जा रही है।

12 सितंबर की सुबह पेटलावद के न्यू बस स्टैंड के करीब स्थित सेठिया होटल में गैस सिलेंडर फटा था और उसी वक्त होटल के करीब स्थित राजेंद्र कासवा के गोदाम में खनन कार्य के लिए रखे विस्फोटकों में भी विस्फोट हो गया, जिसमें 88 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों में से कई की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। घायलों का इंदौर, रतलाम, धार व दाहोद के विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है।

विस्फोट इतना जबरदस्त था कि कई लोगों के शरीर के चीथड़े उड़ गए और शव उछलकर कई मीटर दूर तक बिखर गए। इन्हीं में से कई लोगों के अंग आसपास के मकानों की छतों पर मिलने का क्रम जारी है। पुलिस अधीक्षक जी.जी. पांडे ने मंगलवार को कई मानव अंगों के मिलने की पुष्टि की और बताया कि घटनास्थल के आसपास के मकानों के ऊपरी हिस्से की तलाशी ली जा रही है, ताकि मानव अंगों को एकत्र किया जा सके।

इस हादसे के मुख्य आरोपी कासवा की तलाशी के लिए चलाए जा रहे अभियान का जिक्र करते हुए पांडे ने बताया कि अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है, कासवा फरार है। उसके करीबियों से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों की मानें तो कासवा को लेकर पुलिस के सामने दो बातें आ रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि विस्फोट के वक्त मौके पर वह भी मौजूद था, हो सकता है उसे भी भारी नुकसान पहुंचा हो, वहीं कुछ लोग घटना के बाद उसके सपरिवार फरार होने की पुष्टि कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि उसे एक प्रभावशाली नेता शहर के बाहर छोड़कर आया है।

प्रदेश सरकार ने राजेंद्र कासवा पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है और जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। कासवा की तलाश में पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश भी दी है, मगर पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार दो दिन पेटलावद का दौरा कर मृतकों के परिजनों से मिले, उन्हें ढाढस बंधाया और आरोपी के जल्द पकड़े जाने का भरोसा दिलाया।

उत्तर प्रदेश

मोहिनी दुबे हत्याकांड: IAS के ड्राइवर ने भाई और साथी के साथ मिलकर दिया था वारदात को अंजाम, मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी की हत्या के आरोपी तीनों बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ पुलिस ने उनके पास से लूटा गया जेवर और नगदी भी बरामद कर ली है। इस पूरी वारदात को देवेंद्र नाथ के ड्राइवर अखिलेश, उसके भाई रवि और एक साथी रंजीत ने अंजाम दिया था।

मंगलवार को पुलिस मोहिनी दुबे हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने गई थी। तभी आरोपियों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी।
जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है। लखनऊ की इंदिरा नगर क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम मुठभेड़ में शामिल हुई थी। तीनों आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल और सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे। वारदात को रवि व रंजीत ने अंजाम दिया था जबकि अखिलेश देवेंद्रनाथ दुबे को लेकर वापस लौटा था। पुलिस टीम अब से कुछ ही देर में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा करेगी। हत्यारे वारदात के बाद दोनों नीले रंग की स्कूटी से भागते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

बता दें कि इंदिरानगर सेक्टर 20 में शनिवार सुबह सेवानिवृत आईएएस देवेंद्र दुबे के घर में घुसकर बदमाशों ने उनकी पत्नी मोहिनी की हत्या कर दी थी। इसके बाद अलमारी में रखे जेवरात और नकदी लूट ले गए थे। मामले में पुलिस को पहले भी ड्राइवरों पर ही शक था। कई पुख्ता सुबूत इस ओर इशारा कर रहे थे। दोनों चालकों रवि और अखिलेश से सोमवार को पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। दोनों के अलावा और भी कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि बदमाश नीले रंग की स्कूटी से आए थे और उसी से भागे थे। हत्यारों ने अपने परिचित की स्कूटी का इस्तेमाल किया। नंबर प्लेट निकाल दी थी। स्कूटी पुलिस ने बरामद कर ली थी। वहीं, सीसीटीवी से हत्यारों की पहचान भी हो गई थी।

 

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