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प्रादेशिक

झाबुआ ब्लास्ट: सीएम ने पीड़ितों की मदद का किया वादा

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झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में शनिवार को हुए विस्फेाट में मारे गए लोगों के परिजनों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भी मुलाकात की और उनका हाल जाना। उन्होंने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है। मुख्यमंत्री ने लापरवाही बरतने पर दो अफसरों को पद से हटाने के साथ पेटलावद थाने के पूरे स्टाफ को बदलने के निर्देश दिए हैं।

शनिवार की सुबह पेटलावद के न्यू बस स्टैंड के करीब स्थित सेठिया होटल में गैस सिलेंडर के फटने और उसके बाद होटल करीब ही स्थित राजेंद्र कासवा के गोदाम में खनन कार्य के लिए रखे विस्फोटक में हुए विस्फोट में 88 लोगों की जान गई है। वहीं 100 से ज्यादा घायल हैं, इनमें कई की हालत गंभीर है। घायलों का उपचार इंदौर, रतलाम, धार व दाहेाद के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज अपने तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक, सोमवार को भी हादसे के प्रभावितों का हाल जानने पेटलावद पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों के घर जाकर उनका हाल जाना और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है। शिवराज का सभी प्रभावितों के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात का कार्यक्रम है। वह रविवार को शहरी इलाकों के प्रभावितों से मिले थे। हादसे में मारे गए लोगों में 17 गांवों के निवासी भी हैं, इन पीड़ित परिवारों से वह सोमवार को मिलेंगे, यह ऐलान मुख्यमंत्री ने रविवार को ही किया था।

इस भीषण हादसे के बाद प्रशासनिक अमले पर कार्रवाई का दौर चल पड़ा है। पेटलावद के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) को हटाने के साथ पेटलावद के थाने में पदस्थ सभी पुलिसकर्मियों को बदलने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलवा ने सोमवार को बताया कि विस्फोट में मरने वालों की संख्या 88 है, वहीं घायलों का इलाज जारी है। एक व्यक्ति के मौत की खबर आने की उन्होंने पुष्टि नहीं की है।

विस्फोट के बाद हालात का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री को रविवार को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। लोगों ने उनसे तीखे सवाल भी पूछे थे और नारेबाजी की थी। मुख्यमंत्री ने मुख्य आरोपी और विस्फोटक संग्रहकर्ता राजेंद्र कासवा पर एक लाख का इनाम घोषत करने के साथ मृतकों के परिजनों को मुआवजा दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने और एक व्यक्ति को रोजगार देने की घोषणा भी की थी।

उत्तर प्रदेश

मोहिनी दुबे हत्याकांड: IAS के ड्राइवर ने भाई और साथी के साथ मिलकर दिया था वारदात को अंजाम, मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी की हत्या के आरोपी तीनों बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ पुलिस ने उनके पास से लूटा गया जेवर और नगदी भी बरामद कर ली है। इस पूरी वारदात को देवेंद्र नाथ के ड्राइवर अखिलेश, उसके भाई रवि और एक साथी रंजीत ने अंजाम दिया था।

मंगलवार को पुलिस मोहिनी दुबे हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने गई थी। तभी आरोपियों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी।
जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है। लखनऊ की इंदिरा नगर क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम मुठभेड़ में शामिल हुई थी। तीनों आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल और सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे। वारदात को रवि व रंजीत ने अंजाम दिया था जबकि अखिलेश देवेंद्रनाथ दुबे को लेकर वापस लौटा था। पुलिस टीम अब से कुछ ही देर में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा करेगी। हत्यारे वारदात के बाद दोनों नीले रंग की स्कूटी से भागते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

बता दें कि इंदिरानगर सेक्टर 20 में शनिवार सुबह सेवानिवृत आईएएस देवेंद्र दुबे के घर में घुसकर बदमाशों ने उनकी पत्नी मोहिनी की हत्या कर दी थी। इसके बाद अलमारी में रखे जेवरात और नकदी लूट ले गए थे। मामले में पुलिस को पहले भी ड्राइवरों पर ही शक था। कई पुख्ता सुबूत इस ओर इशारा कर रहे थे। दोनों चालकों रवि और अखिलेश से सोमवार को पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। दोनों के अलावा और भी कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि बदमाश नीले रंग की स्कूटी से आए थे और उसी से भागे थे। हत्यारों ने अपने परिचित की स्कूटी का इस्तेमाल किया। नंबर प्लेट निकाल दी थी। स्कूटी पुलिस ने बरामद कर ली थी। वहीं, सीसीटीवी से हत्यारों की पहचान भी हो गई थी।

 

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