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‘जीएसटी को पहले चुनिंदा क्षेत्रों में लागू कर जांचें’
चेन्नई, 8 जून (आईएएनएस)| वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को देश भर में पूरी तरह लागू करने से पहले चुनिंदा उद्योगों और सेवा क्षेत्रों में परीक्षण के लिए लागू करना चाहिए। कर मामलों के एक शीर्ष वकील ने गुरुवार को यह बात कही।
जानेमाने कर और कॉरपोरेट वकील पी. दातार ने आईएएनएस से कहा, अभी तक यह पता नहीं है कि क्या सॉफ्टवेयर का परीक्षण किया गया है। अफरातफरी से बचने के जीएसटी शासन को विभिन्न चरणों में लागू करना चाहिए। इसे पहले चुनिंदा उद्योगों में लागू करना चाहिए, उसके बाद ही इसका आगे विस्तार करना चाहिए।
दातार ने कहा कि अभी तक यह भी ज्ञात नहीं है कि जीएसटी सर्वर एक दिन में देश भर में विभिन्न व्यवसायों द्वारा इतनी बड़ी संख्या में दाखिल किए जानेवाले र्टिन्स का भार उठा पाएगा या नहीं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से उन्हें एतराज नहीं है, बशर्ते इसमें ‘एक देश एक कर’ की बात हो, लेकिन इसका वर्तमान रूप जो लागू किया जा रहा है, वह जीएसटी नहीं है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों का राज्य जीएसटी एक जैसा नहीं है। उनके मुताबिक, संविधान का अनुच्छेद 246ए राज्यों को वस्तुओं और सेवाओं पर अतिरिक्त शुल्क या कर लगाने की इजाजत देता है। इसलिए उन्हें जीएसटी पर अतिरिक्त कर लगाने से रोका नहीं जा सकता।
दातार ने सिंगापुर का उदाहरण देते हुए कहा कि सभी उत्पादों पर एक समान सात फीसदी कर लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित जीएसटी के अंदर व्यापारियों को रिटर्न पहले से भी ज्यादा संख्या में फाइल करना होगा, जो दो से लेकर 49 तक होंगे।
उदाहरण के लिए एक सेवा प्रदाता जैसे डाग्नोस्टिक सेंटर फिलहाल हर साल दो सेवा कर र्टिन फाइल करता है। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद उसे हर महीने की 10, 15 और 20 तारीख को रिटर्न फाइल करना होगा, जोकि साल में कुल 36 रिटर्न्स होते हैं।
इसके अलावा डायग्नोस्टिक सेंटर को 12 टीडीएस रिटर्न्स और एक सालाना रिटर्न भी फाइल करना होगा। इस तरह से अभी के साल के दो रिटर्न से बढ़कर ये सीधे 49 रिटर्न्स हो जाएंगे। इससे प्रणाली पर भी बहुत भार पड़ेगा, क्योंकि एक ही दिन बहुत सारे रिटर्न फाइल किए जाएंगे।
दातार का कहना है कि जीएसटी के लिए 20 लाख रुपये की सीमा तय करने से व्यापार को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटने की घटनाएं बढ़ेंगी और कर से बचने के लिए मशरूम की तरह छोटे-छोटे कई व्यवसाय उग आएंगे। हमारा देश अभी जीएसटी के लिए तैयार नहीं है।
दातार ने कहा कि वर्तमान प्रणाली काफी अच्छी है और समस्या इसके लागू करने में है।
नेशनल
मणिशंकर अय्यर के पाक प्रेम पर बीजेपी का पलटवार, कही ये बात
नई दिल्ली। बीजेपी ने मणिशंकर अय्यर के उस बयान पर कांग्रेस पर निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को सम्मान दिए जाने की जरुरत है क्योंकि उसके पास एटम बम है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंदशेखर ने कहा कि धीरे-धीरे कांग्रेस और राहुल गांधी की विचारधारा देश के सामने साफ हो रही है। इन लोगों की विचारधारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के आतंकवादियों की समर्थक बन गई है। मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि ये लोग मणिशंकर अय्यर के बयान से खुद को अलग कर लेंगे। जैसे इन लोगों ने दिग्विजय सिंह के बयान से खुद को अलग कर लिया था।
वहीं बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘अब कांग्रेस भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रही है। कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों एवं पाकिस्तान के साथ दिख रहा है और अब इसका एक और प्रमाण सामने आ गया।’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ा रहा है।
पूनावाला ने मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर गांधी परिवार और कांग्रेस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस परिवार के करीबी मणिशंकर अय्यर जो कि पीएम मोदी को हटाने के लिए एक बार पाकिस्तान से मदद मांगने भी गए थे। अब वह पाकिस्तान की ताकत और उसके परमाणु बम को दिखा रहे हैं। मणिशंकर अय्यर, भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रहे हैं, जबकि इसी कांग्रेस के नेता हमारी सेना के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। मणिशंकर अय्यर हमारी सेना के बंदूक लेकर घूमने, मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाने जैसे कदमों की बजाय यह चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए कदम न उठाए।’
बीजेपी प्रवक्ता ने कि कांग्रेस सरकार के समय मुंबई में 26/11 के भयानक आतंकी हमले के बाद भी मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के बजाय उसे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे दिया था। उन्होंने कहा, ‘उनकी सरकार के समय लगातार आतंकी घटनाएं होती थीं और भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मदद की गुहार लगाया करता था। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया है, उसके बाद अब हालत यह हो गई है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।’
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