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अन्तर्राष्ट्रीय

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने नहीं मांगी माफी

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टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने शुक्रवार को द्वितीय विश्वयुद्ध में अपने कृत्यों के लिए देश की पिछली सरकारों के माफीनामे का उल्लेख तो किया लेकिन उन्होंने स्वयं इसके लिए माफी नहीं मांगी।

द्वितीय विश्वयुद्ध की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर अबे ने जारी अपने बयान में कहा, “जापान ने युद्ध के दौरान अपने कृत्यों के लिए लगातार पश्चाताप और संवेदना जारी की है और इसके लिए माफी भी मांगी है। देश की पिछली सरकारों ने ऐसा किया है, जो भविष्य में अविचल रहेगा।”

उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि जापान को अपनी भावी पीढ़ियों को माफी के लिए तैयार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए आक्रामकता और युद्ध का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए और जापान हमेशा के लिए औपनिवेशिक शासन छोड़ देगा। हालांकि उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध से पहले और इसके दौरान जापान की आक्रामकता और औपनिवेशिक शासन का उल्लेख नहीं किया।

गौरतलब है कि 1995 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री तोमीची मुरायामा ने अपने ऐतिहासिक बयान में प्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया था कि जापान ने अपने औपनिवेशिक शासन के जरिए गलत राष्ट्रीय नीति का पालन किया, जिससे विशेष रूप से एशियाई देशों सहित कई देशों के लोगों को भारी यातना से गुजरना पड़ा और उन्हें भारी क्षति पहुंची।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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