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जनधन खातों में जमा पैसा आप का ही, इसे लौटाना मत : पीएम मोदी

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Pm modi jandhan statementमुरादाबाद (उप्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को कहा कि जनधन खाते में अमीर पैसा जमा कर रहे हैं। कोई अमीर कितना ही दबाव बनाए, जनधन खाते से पैसा मत निकालिए, क्योंकि ऐसा कोई रास्ता निकालूंगा कि वो पैसा गरीबों का हो जाए और जिसने जमा कराया, उसे जेल जाना पड़ेगा। मोदी ने कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं। आज कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। लेकिन ज्यादा से ज्यादा ये लोग मेरा क्या कर लेंगे? हम तो फकीर आदमी हैं, झोला लेकर चल देंगे।

मोदी शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में परिवर्तन रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ईमानदारी के जितने रास्ते मुझे दिखेंगे, देश को उसी रास्ते पर लेकर चलूंगा। भ्रष्टाचार तथा बेईमानी को जड़ से खत्म करने में समय जरूर लगेगा, लेकिन उसको समाप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। बस देश की सवा सौ करोड़ जनता मेरे साथ है।

मोदी ने कहा, मुरादाबाद आने से पहले थोड़ा संकोच कर रहा था, क्योंकि मैं बहुत सालों बाद यहां आ रहा था। 2009 में यहां आया था, उसके बाद मन में संकोच होता था कि जिस मुरादाबाद ने मुझे इतना प्यार दिया, वहां पहुंचने में देरी हुई। हमारा समर्थन करने के लिए मुरादाबाद को सिर झुका कर नमन करता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं प्रदेश की सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या कारण है कि मुरादाबाद पीतल की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है, लेकिन आसपास के गांवों में बिजली नहीं है। उन्होंने कहा कि उप्र में गरीबों की भलाई करनी है, इसलिए वह उप्र से सांसद बने। उन्होंने कहा, विकास हमारी पहली प्राथमिकता है। प्रदेश में विकास होगा तो रोजगार आएगा।

मोदी ने कहा, अपने लिए और अपनों के लिए काम करने वाली सरकारें बहुत आईं, लेकिन जनता के लिए काम करने वाली सरकार केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ही सरकार हो सकती है। उन्होंने कहा, मैं देश के सभी जनधन वाले लोगों को कहना चाहता हूं कि जिसने भी आपको पैसा दिया है, उसमें एक रुपये भी उठाइए नहीं। मैंने सब कुछ ठीक होने के लिए 50 दिन मांगे हैं। मुसीबत धीरे-धीरे कम हो रही है।

उन्होंने कहा कि इस देश में 70 साल से चली आ रही भ्रष्टाचार की बीमारी को खत्म करने के लिए कैशलेस ट्रांजेक्शन को अपनाना होगा। पिछली सरकारों ने नोट छाप-छाप कर इस देश में भ्रष्टाचार को बढ़ाया है। अब ऐसा नहीं होगा। जैसे आप वाट्सएप से मैसेज भेजते हैं, वैसे ही आप ट्रांजक्शन भी कर सकते हैं।

ज्ञात हो कि इसके पहले मोदी 14 नवंबर को गाजीपुर में, 20 नवंबर को आगरा और 27 नवंबर को कुशीनगर में परिवर्तन रैली की थी। इसके बाद वह 11 दिसंबर को बहराइच व 19 दिसंबर को कानपुर में परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

हेलीकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत, विदेश मंत्री की भी गई जान

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नई दिल्ली। एक हेलीकॉप्टर हादसे में में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की मौत हो गई है।
अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं। आपको बता दें कि रविवार को ईरान के राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर से अधिकारियों का संपर्क टूट गया था, इसके बाद से ही राष्ट्रपति रईसी लापता थे।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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