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चेन्नई की मस्जिद में शरीयत अदालत पर रोक

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मक्का मस्जिद, मक्का मस्जिद चेन्नई, उच्च न्यायालय, अदालत, जनहित याचिकाचेन्नई | मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया कि यहां मक्का मस्जिद नाम की मस्जिद से एक शरीयत अदालत नहीं चल सकती है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने दी। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस तरह की अदालत काम नहीं करे। उच्च न्यायालय ने इस संबंध में एक स्थिति रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता ए. सिराजुद्दीन रहमान ने कहा कि अदालत ने एक प्रवासी भारतीय अब्दुर रहमान की जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद यह आदेश दिया। मक्का मस्जिद चेन्नई के अन्नासलाई इलाके में स्थित है। याचिकाकर्ता के अनुसार, शरीयत परिषद एक अदालत की तरह काम कर रही है। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थल केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए हैं।

सिराजुद्दीन ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी पत्नी के साथ दोबारा रह सकने के लिए पहले शरीयत परिषद की शरण में गया था, लेकिन उस पर तलाक देने के लिए दबाव डाला गया। इसलिए उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया।

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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