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चीन ने फिर दिखाई हेकड़ी, दक्षिणी चीन सागर में तेल की खोज पर दी चेतावनी
भारत के लाख प्रयासों के बावजूद चीन हेकड़ी दिखाने से बाज नहीं आ रहा है। ताजा मामला दक्षिणी चीन सागर का है। चीन ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि भारत उसकी मंजूरी के बिना इस क्षेत्र में तेल और गैस ब्लॉक की खोजबीन न करें। चीन ने ये चेतावनी ऐसे वक्त में दी है, जब हाल ही में पीएम मोदी दोनों देशों के बीच बेहतर सहयोग का वादा लेकर चीन दौरा कर वापस लौटे हैं।
चीन की यह चेतावनी वियतनाम से भारत की आर्थिक और रक्षा क्षेत्र में हुए समझौतों के बाद सामने आई है। भारतीय कंपनी ओएनजीसी इस क्षेत्र में तेल और गैस ब्लॉक की खोजबीन में जुटी है। इसी को को लेकर भड़के चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ऑयल या गैस एक्प्लोरेशन से जुडा कोई भी काम शुरू करने से पहले चीन से इजाजत ली जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि चीन हमेशा से दावा करता रहा है कि दक्षिणी चीन सागर में अस्सी फीसदी से ज्यादा हिस्सा उसका है। इस क्षेत्र में भारी मात्रा में प्राकृतिक खनिज पदार्थ मौजूद हैं। चीन इस इलाके में न केवल एक कृत्रिम द्वीप बना रहा है, बल्कि कथित तौर पर जंगी हथियार भी तैनात कर रहा है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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