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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन के दौरे पर जयशंकर, मसूद अजहर और एनएसजी के मुद्दे पर होगी बात

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बीजिंग। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने मंगलवार को चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जीची से मुलाकात की और दोनों पक्षों ने कहा कि वे एक-दूसरे के साथ काम करने के इच्छुक हैं। चीन के शीर्ष राजनयिक जीची के साथ बैठक में जयशंकर ने कहा कि भारत चीन के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए सहयोग और संवाद बढ़ाया जाएगा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यांग ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच मजबूत संबंधों का आह्वान किया। यांग ने कहा कि चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति के क्रियान्वयन के लिए, उच्चस्तरीय अदान-प्रदान बनाए रखने के लिए और रणनीतिक संपर्क और व्यावहारिक सहयोग के लिए भारत के साथ काम करने को इच्छुक है।

जयशंकर चीन के उप विदेशमंत्री झांग येसुई के साथ बुधवार को चीन-भारत रणनीतिक संवाद की सहअध्यक्षता करने के लिए बीजिंग में हैं।

भारत इस संवाद के दौरान अन्य मुद्दों के अलावा पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के कदम को चीन द्वारा बाधित करने के मुद्दे को उठा सकता है। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता की कोशिश का चीन द्वारा विरोध किए जाने का मुद्दा भी इस वार्ता में उठ सकता है। दूसरी ओर चीन भी दलाई लामा का मुद्दा और ताइवानी सांसदों को भारत द्वारा आमंत्रित किए जाने का मुद्दा उठा सकता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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