नेशनल
गोवा में गठबंधन सरकार पर संकट गहराया, भाजपा-एमजीपी के बीच मतभेद
पणजी। गोवा में गठबंधन सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के बीच का संकट और बढ़ गया है। मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने साफ कहा है कि एमजीपी के मंत्रियों को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने चाहिए। उन्होंने एमजीपी के सदस्यों से कहा कि वे उनकी धैर्य की परीक्षा न लें।
एजीपी के नेता व लोक निर्माण विभाग के मंत्री सुधीन धवलिकर ने रविवार को कहा था कि वह पारसेकर के नेतृत्व से संतुष्ट नहीं हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर पारसेकर ने कहा, उन्हें त्याग पत्र देकर चला जाना चाहिए। वह वहां बने रहते हैं, अंतिम क्षण तक सत्ता सुख का आनंद लेते हैं और अब आखिरी लम्हों में वह एक नए झंडे के साथ बहिर्गमन करना चाहते हैं। यह उचित नहीं हैं। उन्हें थोड़ा सोचना चाहिए। अगर उन्हें मान, मर्यादा का ख्याल है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
अगले साल के शुरू में गोवा विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर भाजपा और उसके सहयोगी दल एमजीपी के बीच राजनीतिक तकरार बढ़ गई है।
40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 21 सदस्यों के साथ भाजपा को साधारण बहुमत प्राप्त है, जबकि एजीपी के तीन सदस्य हैं जिनमें दो कैबिनेट मंत्री हैं। साल 2007 से 2012 के बीच एमजीपी सत्ताधारी कांग्रेसनीत गठबंधन की सदस्य थी।
पारसेकर ने यह भी कहा कि भाजपा और खुद वह, एमजीपी को समायोजित करते रहे हैं, लेकिन उनके नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियां उनके धैर्य की परीक्षा ले रही हैं।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
-
लाइफ स्टाइल9 hours ago
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
-
नेशनल3 days ago
केजरीवाल ने किया 10 गारंटियों का एलान- 24 घंटे मुफ्त बिजली, सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा का वादा
-
नेशनल3 days ago
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में बम बनाने को एक कुटीर उद्योग बना दिया है : पीएम मोदी
-
नेशनल2 days ago
बाराबंकी के हैदरगढ़ में बोले CM योगी- ये चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच
-
मनोरंजन2 days ago
आ गई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट, सनी देओल के साथ आयुष्मान खुराना भी आएंगे नजर
-
नेशनल2 days ago
अखिलेश यादव ने दी बीजेपी को चेतावनी, कहा- वोट डालने से किसी को रोका तो
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
पीएम मोदी के नामांकन से पहले अमित शाह और सीएम योगी पहुंचे वाराणसी, तैयारियों का लिया जायजा
-
नेशनल2 days ago
लोकसभा चुनाव: यूपी की 13 सीटों पर वोटिंग जारी, इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर