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अन्तर्राष्ट्रीय

गिरफ्तार फीफा अधिकारियों ने प्रत्यर्पण को दी चुनौती

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ज्यूरिख | भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए फीफा अधिकारियों ने अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने को चुनौती दी है। गौरतलब है कि अमेरिकी अनुरोध पर स्विस अधिकारियों ने बुधवार को फीफा के सात अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में स्विट्जरलैंड से गिरफ्तार किया।

स्विट्जरलैंड और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है, जिसके तहत अमेरिका गिरफ्तार अधिकारियों को अमेरिका भेजने की मांग की है। स्विस संघीय न्याय कार्यालय (एफओजे) के आदेश पर गिरफ्तार किए गए अधिकारियों को पहले ही ज्यूरिख की प्रांतीय पुलिस के सामने सुनवाई की इजाजत दे दी गई है तथा अधिकांश अधिकारियों ने अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने को चुनौती दी है।

एफओजे द्वारा जारी वक्तव्य के अनुसार, “प्रत्यर्पण को चुनौती देने वाले व्यक्तियों के संबंध में एफओजे अब अमेरिका से द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत 40 दिनों के भीतर प्रत्यर्पण का औपचारिक आवेदन देने के लिए कहा है।” एफओजे ने कहा, “जैसे ही हमें अमेरिका से प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध मिलेगा, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। गिरफ्तार किए गए इन छह लोगों के पास प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को सरलीकृत किए जाने पर सहमति जताने के लिए अभी एफओजे का पहला आदेश आने तक का वक्त है।”

शुरुआती सुनवाई के दौरान गिरफ्तार लोगों में से एक व्यक्ति ने संकेत दिया है कि वे प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सरलीकृत किए जाने के इच्छुक हैं। अगर प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सरलीकृत किए जाने को मंजूरी मिल जाती है, तो संबद्ध व्यक्तियों तत्काल अमेरिकी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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