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केंद्र तमिलनाडु में हालात सामान्य करने में मदद करेगा : जेटली

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अरुण जेटली, केंद्रीय वित्त मंत्री, राज्यसभा, आई प्राकृतिक आपदा, पी. चिदंबरम, एनडीआरएफ

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अरुण जेटली, केंद्रीय वित्त मंत्री, राज्यसभा, आई प्राकृतिक आपदा, पी. चिदंबरम, एनडीआरएफ

जेटली

नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों को भरोसा दिलाया कि केंद्र चक्रवात प्रभावित तमिलनाडु में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। जेटली ने ऊपरी सदन में कहा, “मैंने सदस्यों का सुझावा सुना और मैं इन्हें ध्यान में रखूंगा। जो भी जरूरत होगी उसे तत्काल पूरा किया जाएगा। मैंने इस बारे में सरकार से चर्चा की है और उचित कदम उठाया जाएगा।”

जेटली ने कहा सरकार तमिलनाडु में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर सदन के सदस्यों की चिंताओं के प्रति गंभीर है। जेटली ने कहा, “यह एक गंभीर संकट है। कुछ कदम पहले ही उठा लिए थे। चूंकि एनडीआरएफ टीम और सेना की टुकड़ी वहां तैनात थी, इसलिए राहत एवं बचाव कार्य तुरंत किए गए।”

इससे पहले कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार से तमिलनाडु के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की मांग की थी। चिदंबरम ने राज्यसभा में कहा, “सरकार को तमिलनाडु सरकार के वित्तीय सहायता के आग्रह पर जवाब देना चाहिए। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को जल्द मशविरा कर आज (बुधवार) प्रभावित राज्य के लिए वित्तीय सहायता या पैकेज की घोषणा कर देनी चाहिए।”

चिदंबरम ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)को पहले से वहां तैनात करने और सेना की टुकड़ी को बचाव कार्यो में लगाने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, “उन्होंने जो भी किया है, वह अच्छा है, पर और अधिक किए जाने की जरूरत है। यह सुनिश्चित किया जाए कि तमिलनाडु के एटीएम और बैंकों में नकदी रहे, ताकि लोगों को नकद निकासी में आसानी हो। ”

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी. राजा ने भी सरकार से राहत कार्यो के लिए तमिलनाडु को वित्तीय सहायता दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, “चक्रवात से तमिलनाडु, खास तौर से चेन्नई बुरी तरह प्रभावित हुआ। केंद्र को राज्य की मदद के लिए आगे आना चाहिए।”

द्रमुक नेता तिरुचि शिवा ने मांग की कि केंद्र सरकार चक्रवात वरदा से हुए नुकसान के आंकलन के लिए एक दल भेजे और राज्य में राहत व पुनर्निर्माण कार्यो के लिए 10,000 करोड़ रुपये दे।

चक्रवात वरदा सोमवार चेन्नई तट पहुंचा। इसने राज्य में भारी कहर बरपाया। इससे हजारों पेड़ उखड़ गए और सात हजार से ज्यादा झोपड़ियों को नुकसान हुआ। तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यो के लिए 1,000 करोड़ रुपये की मांग की है।

 

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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