मुख्य समाचार
कुंबले की नौकरी खाने की तैयारी में वीरेंद्र सहवाग
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ने टीम इंडिया के मुख्य कोच के लिए आवेदन किया है। दूसरी ओर यह भी करीब-करीब तय हो गया है कि अनिल कुंबले कोच पद से हट जाएंगे। यानी दिग्गज बैट्समैन सहवाग, कुंबले को रिप्लेस कर उनकी नौकरी खाने के लिए तैयार बैठे हैं।
कोच पद के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत, डोडा गणेश, टॉम मूडी और रिचर्ड पायबस ने भी आवेदन किया है। इसके अलावा मौजूदा अनिल कुंबले को डायरेक्ट एंट्री मिली है।
हाल की कुछ खबरों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच खटपट चल रही है। खबरों के मुताबिक कप्तान विराट ही नहीं टीम के कई अन्य खिलाड़ी भी कुंबले जिस तरह से टीम को आगे ले जा रहे हैं उससे खुश नहीं हैं। इन हालात में उनका हटना लगभग तय है।
खबर है कि चैंपियंस ट्रॉफी के बाद अनिल कुंबले टीम इंडिया के कोच नहीं होंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, अनिल कुंबले का भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद के तौर पर आखिरी टूर्नामेंट होगा।’
बता दें कि बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीसीआई) ने पहले घोषणा की थी चैंपियंस ट्रोफी के बाद अनिल कुंबले का कार्यकाल समाप्त होने के बाद बोर्ड नए कोच के लिए प्रक्रिया शुरू करेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार अनिल कुंबले द्वारा केंद्रीय अनुबंध में खिलाडिय़ों और कोच की सैलरी में इजाफे की मांग से बोर्ड खुश नहीं है।
वहीं कोच के लिए आवेदन करने वाले दिग्गज बैट्समैन सहवाग के सलाहकार समिति के तीनों सदस्यों सचिन, गांगुली और लक्ष्मण से अच्छे संबंध रहे हैं और हाल में वो आइपीएल में भी किंग्स इलेवन पंजाब टीम को पाठ पढ़ाते नजर आ चुके हैं। सहवाग का अंदाज निराला रहा है लेकिन सवाल यही है कि क्या वह कोच के रूप में सफल हो पाएंगे?
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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