लाइफ स्टाइल
किस्सागोई की संस्कृति फिर से जिंदा करने की पहल
नई दिल्ली| सपेरों और मदारियों का गलियों में आना और अपनी कहानियों के जरिए बच्चों सहित हर उम्र के लोगों का मनोरंजन करना बीते जमाने की बात हो गई है। लेकिन लोकप्रिय रंगकर्मी कमल पृथी ने इस प्रौद्योगिकी युग में कहानी सुनाने का अपने तरह का एक अनूठा अभियान शुरू किया है।
हरा कुर्ता-पाजामा और पगड़ी में यह 33 वर्षीय काबुलीवाला देशभर में बच्चों का चहेता बना हुआ है। कमल पृथी एक आईटी पेशेवर रह चुके हैं और अभी वह जर्मन, हिंदी और उर्दू में कहानियां सुनाते हैं और देश में उस दौर को एक बार फिर चलन में लाने के लिए प्रयासरत हैं। पृथी ने बताया, “मोबाइल फोन और अन्य आधुनिक उपकरणों के दौर में अब दादा और नाना अपने पोते-पोतियों को कहानियां नहीं सुनाते हैं।”
उन्होंने कहा कि बंदरों के मनोरंजक कार्यक्रम और एक्रोबैट अब देश में बंद हो चले हैं। 21वीं सदी के बच्चे उतनी कहानियां नहीं सुन पाए हैं, जितनी उनके मां-बाप ने अपने परिजनों से सुनी थी। कहानियों के जरिए ज्ञान की भूख को संतुष्ट किया जा सकता है। पृथी ने कहा, “मैं आधुनिक समय का मदारी हूं। मेरा काम बच्चों का मनोरंजन करना है। कई बच्चों ने तो इससे पहले कभी कहानी सुनी भी नहीं होगी।”
एक दशक से भी अधिक समय तक पेशेवर रंगमंच कलाकार के रूप में उन्होंने विश्वास किया है कि माध्यम दर्शकों के लिए अनुभविक नहीं है इसलिए उन्हें अपनी कहानियों के जरिए एक कदम आगे बढ़ना है। इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं। सादत हसन मंटो की कहानी ‘टोबा टेक सिंह’ को सुनाते हुए कहा कि उन्हें कहानी में 18 किरदारों को पेश करने में काफी मुश्किलें आई। ‘टोबा टेक सिंह’ को 1947 में भारत-पाक बंटवारे के बाद यह निर्धारित करना था कि भारत और पाकिस्तान में से उसका घर कौन सा है।
लाइफ स्टाइल
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।
तला हुआ खाना
कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।
चीनी युक्त सोडा या फिर केक
चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
लाल मांस
रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।
सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता
सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
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