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मुख्य समाचार

कानपुर में साम्प्रदायिक हिंसा, दर्जनों घायल

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कानपुर। उत्तर प्रदेश में कन्नौज और फतेहपुर के बाद शनिवार को कानपुर में मोहर्रम के दिन दो संप्रदायों के बीच झड़प हो गई। भगवती जागरण का एक बैनर फटा देख एक संप्रदाय के लोगों ने शोर मचाया, सैकड़ों लोग इकठ्ठा हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। हिंदू संगठनों ने मोहर्रम का मौका देख ताजिया जूलूस निकलने का विरोध किया। हजारों आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर आए। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि माता का बैनर फाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे इस मार्ग से ताजिया भी नहीं निकलने देंगे। इस पर दोनों संप्रदायों के लोग आमने-सामने आ गए और राष्ट्रपति की ‘असहिष्णुता’ वाली नसीहत की धज्जियां उड़ाने लगे।
एक बैनर फटने को लेकर मारने-मरने पर उतारू मतवालों को पुलिस ने जब रोकने की कोशिश की तो उन लोगों ने पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दिया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं और आंसूगैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया। पथराव में पुलिसवाले सहित दर्जनों लोग घायल हुए हैं। यह घटना फजलगंज थाना के दर्शनपुरवा इलाके में हुई, जहां कई थानों की पुलिस को तैनात किया गया है। इस घटना से शहर के कई हिस्सों में तनाव है।
पीएससी और सीआईएसएफ को भी बुला लिया गया है। आईजी, जिलाधिकारी और एसएसपी भी तनावग्रस्त इलाकों में गश्त कर रहे हैं। दर्शनपुरवा इलाके की सभी दुकानें बंद कर दी गई हैं। पुलिस ने पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी है।

नेशनल

स्वाति मालीवाल ने निर्भया कांड को किया याद, कहा- अब पार्टी के लोग एक आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं

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नई दिल्ली। आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने रविवार को 12 साल पुराने निर्भया कांड को याद करते हुए कहा कि अब पार्टी के लोग एक आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार के खिलाफ 13 मई को सीएम आवास के भीतर बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराने वाली मालीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “एक समय था जब हम सब निर्भया के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर निकले थे। आज, 12 साल बाद, हम उस आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं जिसने सीसीटीवी फुटेज मिटा दिया और फोन को फार्मेट कर दिया।”

उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “काश उन्होंने मनीष सिसोदिया जी के लिए इतनी ताकत झोंकी होती। यदि वह यहां होते तो हो सकता है कि मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ होता।” विभव कुमार को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और देर रात एक स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसे जो सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराया गया है वह ब्लैंक है। कुमार ने अपना मोबाइल फोन पुलिस को दिया लेकिन पासवर्ड नहीं बताया। इसके अलावा कुमार ने खराबी का बहाना बनाकर एक दिन पहले अपना मोबाइल फॉर्मेट कर दिया था।

पुलिस ने अदालत को बताया कि फोन को फॉर्मेट करने से पहले उसके डाटा को क्लोन करना होता है। इसलिए, उनके फोन के डाटा को वापस हासिल करने के लिए उन्हें मुंबई ले जाया जाएगा क्योंकि डाटा रिट्रीव करने के लिए विशेषज्ञों के समक्ष उनकी उपस्थित जरूरी है। पुलिस ने मामले में छेड़छाड़ और गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। सिविल लाइंस थाने में दर्ज मामले में आईपीसी की धारा 308 (गैर-इरादतन हत्या), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354बी (महिला का चीरहरण करने के उद्देश्य से बलप्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (महिला का शीलभंग करने वाले शब्द, भंगिमा या कार्य) के तहत आरोप लगाये गये हैं।

 

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