Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

कश्मीर में सत्तारूढ़ पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त : मोदी

Published

on

Loading

उधमपुर (जम्मू एवं कश्मीर)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में नेता भ्रष्टाचार और भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने में लिप्त हैं और केंद्र ने ऐसी चुस्त व्यवस्था कर रखी है कि राज्य को आवंटित की गई धनराशि का समुचित इस्तेमाल सुनिश्चित हो। मोदी ने उधमपुर में शुक्रवार को एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने ऐसी व्यवस्था की है कि धन की लूटपाट न हो और इसका इस्तेमाल उन कार्यो के लिए हो जिसके लिए केंद्र ने धन आवंटित किया है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं चाहता हूं कि धन का इस्तेमाल सही तरीके से हो, जिसके लिए मैंने चुस्त व्यवस्था की है। इस वजह से जम्मू एवं कश्मीर में सत्ता और विपक्ष मेरी आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि इसका असर इन पार्टियों की साझा लूटपाट की नीति पर पड़ेगा।”

उन्होंने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर को आवंटित की गई धनराशि में कमी नहीं आएगी, लेकिन इस पर नजर रखी जाएगी कि यह धनराशि कहां जाती है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह धनराशि लोगों तक पहुंच पाए।” मोदी ने राज्य में जारी चुनाव के संबंध में कहा, “प्रथम चरण के चुनाव में भारी मतदान ने यह साबित किया है कि बंदूक के बल पर मतदान नहीं रोका जा सकता। यह वोट लोकतंत्र की जीत है।” उन्होंने जम्मू के अरनिया में आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई मुठभेड़ का सीधा उल्लेख न करते हुए कहा कि भारी मतदान ने अलगाववादियों को निराश कर दिया है। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आतंकवादी निराश हैं क्योंकि वे राज्य में लोकतंत्र और जनता को बंधक नहीं बना सकते। जनता ने उन्हें और विश्व को यह संदेश दिया है कि वे लोकतांत्रिक अधिकार के जरिए बदलाव और विकास चाहते हैं।” जम्मू एवं कश्मीर में पांच चरणों में आयोजित चुनाव प्रक्रिया 25 नवंबर को शुरू हुई। मतदान 20 दिसंबर को समाप्त होगा और 23 दिसंबर को मतगणना होगी। मोदी ने कहा कि भारत में दर्जनों प्रधानमंत्री हुए, लेकिन उन्हें उनकी तरह जम्मू एवं कश्मीर आने का अवसर नहीं मिला।

उन्होंने कहा, “मैंने दिवाली बाढ़ पीड़ितों के साथ मनाने का फैसला किया। मेरा फैसला राजनीतिक नहीं था, न ही वोट जुटाने के लिए था।”मोदी ने कहा, “पिछले 30 सालों में क्या हुआ है, अगर मैं पांच सालों में यह नहीं करूं, तो आप मुझे जवाबदेह मान सकते हैं और सवाल भी पूछ सकते हैं।” उन्होंने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर में विकास 30 सालों से रुका हुआ है। सत्तारूढ़ एवं विपक्षी पार्टियां भ्रष्टाचार और भावनात्मक ब्लैकमेल में संलिप्त हैं।”

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending