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कलाम साहब को विचारों में जिंदा रखेंगे, हम भारत के लोग

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पूर्व राष्‍ट्रपति, महान वैज्ञानिक, मिसाइलमैन, भारत रत्‍न डा.एपीजे अब्‍दुल कलाम, पार्थिव शरीर, सच्‍ची श्रद्धांजलि, उनके विचार, आदर्श, सोच, कर्तब्‍यपरायणता, राष्‍ट्रप्रेम

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पूर्व राष्‍ट्रपति, महान वैज्ञानिक, मिसाइलमैन, भारत रत्‍न डा.एपीजे अब्‍दुल कलाम का पार्थिव शरीर अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके विचार, आदर्श, सोच, कर्तब्‍यपरायणता, राष्‍ट्रप्रेम व भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए किए गए उनके सद्कार्य हमारे बीच हमेशा रहेंगे। इसलिए यह मान लेना कि काका कलाम हमारे बीच नहीं हैं, मेरे ख्‍याल से सही नहीं होगा, हां उनका शरीर अवश्‍य हमारे बीच नहीं है।

आज जब पूरा भारत ही नहीं, विश्‍व के तमाम लोग कलाम साहब को श्रद्धांजलि दे रहे है तो मुझे लगता है उन्‍हें सच्‍ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके आदर्शों, विचारों व भारत को शक्तिसंपन्‍न बनाने के उनके इरादों को अपनाएं। कलाम साहब को खासतौर से इस देश के बच्‍चों और युवाओं से काफी उम्‍मीद थी। बच्‍चे उनको अपने आदर्श के रूप में देखते थे और देखते रहना भी चाहिए क्‍योंकि कलाम साहब के आदर्श तो अभी भी हमारे सामने हैं।

उनको श्रद्धांजलि अवकाश में भी नहीं बल्कि उनको सच्‍ची श्रद्धांजलि तो उद्यमिता में है क्‍योंकि कलाम साहब एक ऐसे व्‍यक्ति थे जो काम का वक्‍त समाप्‍त हो जाने के बाद भी देशहित में कार्य करते रहते थे। उनको किसी मजहब में बांधना भी ठीक नहीं है क्‍योंकि उन्‍होंने मजहब से ऊपर उठकर मानव मजहब के लिए कार्य किया और मानवता के लिए काम करने वाला इंसान कभी मर ही नहीं सकता।

अविवाहित रहकर जीवन भर देशसेवा का निर्णय लेना कोई साधारण बात नहीं है वो भी उसके लिए जिसका बचपन अभावों में बीता हो। ऐसे अभावों वाला बचपन गुजारने वाले अधिकतर लोग सिर्फ पैसा कमाने और सुख-सुविधा व भोग-विलास को ही अपना हेतु बना ले‍ते हैं लेकिन कलाम साहब ने जो आदर्श एक कर्मयोगी के रूप में, एक राष्‍ट्रचिंतक के रूप में, एक आदर्श राजनेता के रूप में स्‍थापित किए वो शून्‍य उनके जाने के बाद भरना वास्‍तव में नामुमकिन लगता है।

संन्‍यासी होने का मतलब सिर्फ यह नहीं कि देश-दुनिया से नाता तोड़कर वन-वन भटकते हुए सारा जीवन ब्रह्मचर्य का पालन करके बिता दिया जाय। दुनिया में रहते हुए भी संन्‍यासी जीवन व्‍यतीत किया जा सकता है और इसकी एक असाधारण मिसाल थे कलाम साहब। ऐसे महान व्‍यक्ति को सिर्फ भावभीनी श्रद्धांजलि देकर अपने कर्तब्‍यों की इतिश्री कर लेना हमारा ध्‍येय नहीं होना चाहिए। अगर सही मायने में कलाम साहब को याद रखना है तो उनके विचारों, कार्यों व भारत के प्रति उनके गहरे लगाव में याद रखना होगा और हम भारत के लोग ऐसा करेंगे भी।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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