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कटनी हवाला मामले की जांच ईडी करेगा : शिवराज

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कटनी हवाला मामले की जांच ईडी करेगा : शिवराजभोपाल | मध्य प्रदेश के कटनी जिले में लगभग 500 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा होने के बाद पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के तबादले से सरकार पर उठ रहे सवाल का जवाब देने खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को सामने आए। उन्होने कहा, “पुलिस हवाला मामले की जांच में सक्षम नहीं है, वे इस मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच का आग्रह करेंगे।”

ज्ञात हो कि हवाला कारोबार का खुालासा करने वाले कटनी के पुलिस अधीक्षक तिवारी का जांच पूरी होने से पहले ही तबादला कर दिया गया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ कटनी में आंदोलन चल रहा है, सरकार पर विपक्ष हमलावर है। सरकार पर आरोप लगे हैं कि उसने सरकार के एक मंत्री को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया।

राजधानी में गुरुवार को विवेकानंद जयंती पर आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “पुलिस अधीक्षक का तबादला सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है, जहां तक हवाला कारोबार की जांच की बात है, पुलिस की इसमें विशेषज्ञता नहीं है, लिहाजा वे इस मामले की जांच के लिए ईडी से आग्रह करेंगे।”

चौहान ने कहा कि भ्रम की स्थिति फैलाई जा रही है। किसी भी आरोपी केा बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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