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ओडिशा में बीजद की संदिग्ध फंडिंग की जांच हो : विपक्ष
भुवनेश्वर, 22 जुलाई (आईएएनएस)| ओडिशा में विपक्षी कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) पर ‘संदिग्ध फंडिंग’ का आरोप लगाया और पार्टी से वित्तीय लेनदेन का खुलासा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि साल 2014 के आम चुनाव के दौरान पार्टी के खाते में ‘संदिग्ध स्रोतों’ से फंड आए।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर मोहंती ने कहा, पिछले आम चुनाव के दौरान पार्टी ने संदिग्ध स्रोतों से रकम ली। उसे स्पष्ट करना चाहिए। चुनाव के दौरान बीजद द्वारा इस्तेमाल रकम चिटफंड का हो सकता है।
विपक्षी पार्टियों ने यह आरोप इस मुद्दे पर मीडिया की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद लगाया है।
मोहंती ने कहा कि भाजपा मुद्दे को निर्वाचन आयोग, प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग के समक्ष उठाएगी और इस तरह की अनियमितता की विस्तृत जांच की मांग करेगी।
कांग्रेस के मुख्य सचेतक, तारा प्रसाद बाहिनीपति ने बीजद के तमाम वित्तीय लेनदेन की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की।
बाहिनीपति ने कहा, बीजद के वित्तीय लेनदेन की सीबीआई जांच होनी चाहिए। पारदर्शिता का ढिंढोरा पीटने में सेकंड का वक्त भी नहीं गंवाने वाली नवीन पटनायक सरकार को मुद्दे पर अपना पक्ष रखना चाहिए।
वहीं, बीजद ने आरोप पर तत्काल प्रतिक्रिया दी है।
पार्टी प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य प्रताप देब ने दावा किया कि संदिग्ध फंडिंग से संबंधित रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित नहीं है और इसे निहित स्वार्थ के लिए प्रकाशित की गई है।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने पहले ही अपनी फंडिंग को उपलब्ध कानूनी प्रावधानों के तहत सार्वजनिक किया है।
बीजद के कोषाध्यक्ष सुभाष सिंह ने भी आरोपों को बकवास करार देते हुए कहा कि यह निराधार है।
सिंह ने कहा, भाजपा बीजद को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। हमारी पार्टी के खिलाफ लगाए गए तमाम आरोप निराधार हैं। हमने सभी लेनदेन पारदर्शी तरीके से किया है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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